अब बच्चों से दुश्मनी दिखा रहा कोरोना, थकावट-खांसी, चकत्ते की नहीं करें अनदेखी

 

जबलपुर। कोरोना की जकड़ में आने वाले बच्चों के शरीर में बन रही एंटीबॉडी से उनके अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। जांच और उपचार में देरी से यह जानलेवा हो सकती है। यह जानकारी जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में कोरोना काल में भर्ती बच्चों पर किए गए शोध में सामने आई है। कॉलेज में पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के बीच 46 कोरोना संक्रमित बच्चों पर किए गए शोध में 11 बच्चे मल्टी सिस्टम इन्फलामेटरी सिंड्रोम (एमआइएस-सी) से पीडि़त मिले हैं। पोस्ट कोविड इफेक्ट और एंटीबॉडी से बच्चों के शरीर के अंग प्रभावित होने और उनमें गम्भीर बीमारी का पता चला है। दिमागी बुखार, कावासाकी बुखार और लकवा जैसे रोग मिले हैं। शिशु रोग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्वेता पाठक की इस रिसर्च को पीडियाट्रिक ऑन कॉल जर्नल ने प्रकाशित किया है। मेडिकल के शिशु रोग विभाग में कोरोना काल में भर्ती बच्चों पर किए गए शोध में यह बात सामने आयी है कि बच्चों को भी कोविड-19 वायरस का बराबर खतरा और नुकसान है। इन्हें भी संक्रमण से बचाव के हर उस सुरक्षा उपाय की आवश्यकता है, जो कि युवा और बुजुर्ग बरत रहे हैं। शोध में पाया गया है कि 70 प्रतिशत बच्चों को उनके नजदीकी व्यक्ति से कोरोना हुआ। 50 प्रतिशत मां के सम्पर्क में रहने से संक्रमित हुए हैं।
यह है स्थिति
- 46 बच्चों पर शोध। 3 दिन से 14 वर्ष तक की आयु के।
- 33 प्रतिशत इसमें एक वर्ष से कम आयु के थे।
- 11 प्रतिशत की आयु एक से पांच वर्ष के बीच।
- 55 प्रतिशत की उम्र पांच वर्ष से ज्यादा।
- 33 प्रतिशत बालिका और 66 प्रतिशत बालक।

बच्चों की सेहत की स्थिति
- 24 प्रतिशत क्रिटिकल केस।
- 7 प्रतिशत की मौत
- 09 प्रतिशत मॉडरेट केस
- 17 प्रतिशत माइल्ड केस
- 50 प्रतिशत एसिम्प्टोमेटिक

11 अति गम्भीर पीडि़त बच्चों की स्थिति
- 09 बच्चों को वेंटीलेटर सपोर्ट देना पड़ा।
- 07 बच्चों का आरटीपीसीआर टेस्ट निगेटिव, एंटीबॉडी टेस्ट पॉजिटिव।
- 03 बच्चों की भर्ती होने के 14 घंटे के अंदर मौत हुई।
- ढाई से तीन वर्ष के बीच दम तोडऩे वाले बच्चों की उम्र।
- 08 बच्चे भर्ती रहने के बाद स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हुए।

एंटीबॉडी टेस्ट में पॉजिटिव मिले बच्चों की स्थिति

- 04 बच्चे दिमागी बुखार से पीडि़त मिले।
- 04 बच्चें में रिस्प्रेरेटरी इन्फेक्शन मिला।
- 02 बच्चें जीबीएस से पीडि़त मिले। इसमें लकवा जैसे लक्षण।
- 01 बच्चा कावासाकी बुखार से पीडि़त।

बच्चों में इन लक्षणों की अनदेखी ना करें
- 24 घंटे से जयादा देर तक रहने वाला बुखार।
- थकावट, बेहद शिथिलता
- खांसी
- सांस लेने में कष्ट
- पेट दर्द
- दस्त
- मिचली
- चकत्ते
- लाल आंखें
- गर्दन में दर्द
- शरीर का झटके लेना।



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