
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने 57 लाख रुपए की धोखाधड़ी के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। आरोपी की ओर से रकम जमा करने का वाद पूरा न करने पर जस्टिस अतुल श्रीधरन की सिंगल बेंच उसे दी गई गिरफ्तारी से सुरक्षा का आदेश भी वापस ले लिया। कोर्ट ने पुलिस को स्वतंत्रता दी कि आरोपी को गिरफ्तार किया जा सकता है। न मिलने की सूरत में आरोपी के खिलाफ फरार घोषित कराने के लिए भी कारवाई की जा सकती है।
अभियोजन के अनुसार सतना निवासी नीरज मोरडिया बिल्डर का काम करता है। उसने शिकायतकर्ता को अपने प्रोजेक्ट में निवेश करने और प्रोजेक्ट पूरा होने पर 17 फीसदी फायदे का लालच दिया। फलस्वरूप शिकातकर्ता ने उसे 57 लाख रु दे दिए। समय पर प्रोजेक्ट पूरा न होने पर शिकायतकर्ता ने अपनी रकम वादे के अनुसार मांगी तो इनकार कर दिया गया। इस पर शिकायत की गई। सतना की कोलगवां थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भादवि की धारा 420, 467, 468, 471 व 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया। इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए यह अग्रिम जमानत की अर्जी पेश की गई। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि आरोपी की ओर से कोर्ट को वचन दिया गया था। इसके तहत उसे शिकायतकर्ता को 57 लाख रुपए वापस करने थे। राशि चुकाने तक कोर्ट ने उसे गिरफ्तार करने से अंतरिम सुरक्षा दी थी। लेकिन अब तक आरोपी ने यह रकम नहीं चुकाई। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने पाया कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं। कोर्ट ने अंतरिम सुरक्षा का आदेश वापस लेकर अग्रिम जमानत की अर्जी निरस्त कर दी।
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