
जबलपुर। शहर में सफाई के लिए श्रमिकों का नए सिरे से ठेका होना है। नगर के 79 वार्डों को पांच समूहों में बांटकर नगर निगम ने निविदाकार ठेकेदारों के श्रमिकों व उपलब्ध संसाधनों के सत्यापन के लिए मंगलवार को शिनाख्त परेड का आयोजन किया। शहर में कुल पांच स्थानों पर सत्यापन की प्रक्रिया अपनाई गई। इनमें से अधारताल के सत्यापन स्थल पर लाए गए लोगों में छात्र-छात्राएं भी शामिल थीं। उनसे पूछा गया कि वे यहां किसलिए आए हैं, तो अधिकतर ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ मालूम नहीं है।
शहर के 79 वार्डों की सफाई के लिए नगर निगम कर रहा है ठेका प्रक्रिया
सफाई श्रमिकों का होना था सत्यापन बसों में छात्र-छात्राओं को लेकर आए
अधारताल में समूह पांच के अंतर्गत आने वाले वार्डों की सफाई के लिए श्रमिकों का सत्यापन होना था। बताया गया कि 450 श्रमिकों का सत्यापन होना था, लेकिन 800 से ज्यादा श्रमिक लाए गए थे। अंदेशा है कि ठेकेदार के अलावा कोई और भी लोगों को नौकरी का हवाला देकर उन्हें बसों में भरकर सत्यापन स्थल पर ले आया था।
ये प्रक्रिया अपनाई
निगम के अधिकारियों ने बताया कि वार्डों में सफाई के लिए शर्तों के अनुसार पांच ठेकेदारों को चयनित किया गया। उनके श्रमिकों व संसाधनों के सत्यापन की प्रक्रिया पांच अलग स्थानों पर की गई। श्रमिकों की संख्या, आधार कार्ड, बैंक खाता लिए गए। हाथ ठेला, रिक्शा, बायोमैट्रिक मशीन, हैंड स्प्रे मशीन, फावड़ा, गेंती, झाड़ू, जैकेट, ग्लब्स, पंजे, सब्बल का भी सत्यापन किया गया। ज्यादातर के पास सामग्री भी कम पाई गई। एक सप्ताह में सफाई कार्य का भी ट्रायल किया जाएगा। इस दौरान श्रमिकों व संसाधनों का फिर से सत्यापन होगा।

ये आती थीं शिकायत : निगम के पिछले ठेकेदार के श्रमिकों को लेकर सभी वार्डों से अक्सर ये शिकायत आती थी कि दर्ज श्रमिकों के मुकाबले सफाई करने वालों की उपस्थिति कम रहती है।
कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन: श्रमिकों के सत्यापन की प्रक्रिया रानीताल स्टेडियम, आयुर्वेद कॉलेज मैदान, रामलीला मैदान घमापुर व अधारताल में अपनाई गई थी। इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ।
‘रैली के नाम पर बुलाया, नहीं दिए पैसे’
दीनदयाल चौक और रद्दी चौकी से लगभग 35 श्रमिकों को अधारताल क्षेत्र ले जाया गया। अधारताल थाने के एसआई अनिल मिश्रा ने बताया कि श्रमिकों को रैली में शामिल होने और फिर प्रति व्यक्ति 500 रुपए देने की बात ठेकेदार ने कही थी। लेकिन, देर शाम तक श्रमिकों को भुगतान नहीं किया गया और ठेकेदार चला गया। जिसके बाद श्रमिक थाने पहुंचे और लिखित शिकायत की। शिकायत मिलते ही ठेकेदार को पकड़ लिया गया। पुलिस ने ठेकेदार से श्रमिकों को पैसे देने की कार्रवाई की।
शहर की सफाई व्यवस्था के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई थी। पांच चयनित ठेकेदारों के श्रमिक व संसाधनों की सत्यापन प्रक्रिया अपनाई गई। इस दौरान संसाधनों की कमी की शिकायत मिली हैं। ठेका टेंडर शर्तों के अनुसार ही जारी किया जाएगा।
- भूपेंद्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम
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