
जबलपुर। गली-कूचों में जंग खाते, टूटे-फूटे लेटर बॉक्स को अब भले ही लोगों ने देखने कम कर दिया हो। लेकिन, जबलपुर शहर के मुख्य डाकघर में सरंक्षित करके रखा गया ऐतिहासिक लेटर बॉक्स लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां लगे शिलालेख के अनुसार यह ऐतिहासिक डाकघर शहर में डाक सेवा की शुरूआत के प्रारम्भिक दौर का है। यह 1860 में इंग्लैंड से बनकर जबलपुर शहर आया था। 205 किलो वजनी इस लेटर बॉक्स का ऊपरी सिरा महारानी विक्टोरिया के राज के मुकुट के समान है।
भारतीय डाक विभाग के अनुसार स्पर्श मात्र से ही इस डाक बॉक्स की गुणवत्ता का पता लगता है। डाक विभाग ने इस डाक बॉक्स को धरोहर के रूप में सहेज कर रखा है। डाक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह लेटर बॉक्स भले ही अंगे्रजों के जमाने का है। लेकिन, इसकी गुणवत्ता ऐसी है कि अभी भी यह नया नजर आता है। कहीं से लगता कि यह इतना पुराना होगा। शहर के कुछ लोगों की जुबानी इसके बारे में सुनकर बाहर से आने वाले रिश्तेदार इस लेटर बॉक्स को देखने जाते हैं। यह भी चर्चा करते हैं कि आखिर इतनी गुणवत्ता वाले लेटर बॉक्स अपने देश में क्यों नहीं बनते?
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