
जबलपुर। गुरुवार को मकर संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य उत्तरायण होंगे और मकर राशि में प्रवेश करेंगे। पौष मास में रुके सभी शुभ कार्य इस दिन के बाद से पूरे होने शुरू हो जाएंगें। मकर संक्रांति पर डुबकी लगाने के लिए नर्मदा के घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ेंगे। इसके लिए व्यवस्था का सिलसिला जारी है।
कल उत्तरायण होगा सूर्य, संक्रांति मेले की रहेगी धूम
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पौष मास की समाप्ति के अगले दिन भगवान सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस गोचर को ज्योतिषियों की दृष्टि में बेहद खास माना जाता है और इस दिन पौष मास में रुके सभी शुभ कार्य होंगे प्रारम्भ, नर्मदा तट पर जुटेंगे श्रद्धालु
विक्रम संवत पंचांग के मुताबिक जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, उस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। इसलिए किसी साल 14 तो कभी 15 जनवरी को ये त्योहार मनाया जाता है। पंडित जनार्दन शुक्ला के अनुसार इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही मनाई जाएगी। संक्रांति के दिन दान-पुण्य के साथ ही स्नान का भी विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन ब्रह्म मुहुर्त में या फिर प्रात: काल में किसी पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। इसलिए तटों पर भीड़ उमड़ती है।
यह होगा पुण्यकाल
ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार 14 जनवरी को सुबह 8.13 बजे धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन पुण्य काल सवा चार घंटे तक यानी सुबह 8.13 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक रहेगा। इसी बीच 14 मिनट तक अर्थात 8.13 बजे से 8.27 बजे तक महापुण्य काल होगा।तिल गुड़दान और खिचड़ी का चलनको मकर संक्रांति कहते हैं। जो हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन को विशेष इसलिए भी माना जाता है कि संक्रांति के दिन गुड़ और तिल का दान किया जाता है। साथ ही खिचड़ी खाने व दान करने से भी अक्षय पुण्य की प्राप्ति होने की मान्यता है।
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