Peasant movement 2020: BJP ने निकाली आंदोलन को कुचलने को निकाली ये नई तरकीब

जबलपुर. एक तरफ किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानून को लेकर लगातार करीब महीने भर से आंदोलित ( Peasant movement 2020) हैं। अब तो क्रमिक भूख हड़ताल भी शुरू हो गई है। आंदोलित किसान नए कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े हैं। इससे सरकार की किरिरी हो रही है। सरकार किसी भी सूरत में कानून वापस लेने के मूड में नहीं है। सरकार और भाजपा नेताओं ने भी मुहिम छेड़ रखी है। इस बीच मध्य प्रदेश भाजपा इकाई ने नया रास्ता निकाला है। इसके तहत अब बीजेपी युवा वकीलों को अपने अभियान से जोड़ रही है ताकि ये अधिवक्ता किसानों को नए कृषि कानून की बारीकियां बताएंगे।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के अधिवक्ता सीएम तिवारी ने इसकी शुरूआत कर दी है। वह सोशल मीडिया के माध्यम से यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें कतिपय लोग भड़का रहे हैं। ये लोग अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के उद्देश्य से ऐसा कर रहे हैं। तिवारी ने अपनी पोस्ट के माध्यम से बताया है कि ऐसे लोगों को किसान कभी माफ नहीं करेंगे। शीघ्र ही वस्तुस्थिति साफ हो आएगी और किसान अपने हित के लिए लागू नए कानून का साथ देंगे। नया कानून किसानों की दशा और दिशा सुधारने की मंशा से लागू हुआ है। यह किसान हितवर्धक कानून है। इससे किसानों की दुर्दशा के दिन, गुजरे जमाने की बात हो जाएगी। भारत का किसान प्रगति की ऊंचाई अर्जित करेगा। किसानों की आत्महत्या जैसी समस्या दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया है कि नए कानून को लेकर फैलाया जा रहा भ्रम निर्मूल करना वक्त का तकाजा है। इसे लेकर अब संकल्प प्रगाढ़ कर युवा वकील मोर्चा संभाल चुके हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष अभिलाष पांडेय के निर्देश पर शनिवार को युवा मोर्चा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक अधिवक्ता सीएम तिवारी सहित अन्य ने यह निर्णय लिया। बता दें कि इस अभियान को मूर्त रूप देने के लिए पार्टी ने अधिवक्ताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में अधिवक्ता विपिन मिश्रा, अमित पांडेय, सचिन जैन सहित अन्य शामिल हुए थे। सभी ने तय किया था कि सोशल मीडिया का अधिक से अधिक सदुपयोग करके अधिवक्ता वर्ग द्वारा किसानों को नए कानून में छिपा उनका हित बताया जाएगा। साथ ही यह भी साफ किया जाएगा कि नए कानून का अपमान करने वाले कानूनी कार्रवाई के शिकंजे में जकड़े जा सकते हैं। इस दौरान अधिवक्ता राहुल रावत, ओपी अग्निहोत्री, विवेक लखेरा, विनीत मिश्रा, अंशुल मिश्रा, परवेज शेख, आशीष अग्रवाल, तरुण, शचींद्र रघुवंशी सहित अन्य ने अपने विचार रखे। अब सभी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने लगे हैं। संकल्प यही है कि देश का किसान केंद्र सरकार की मंशा के सहमत हो।



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