
जबलपुर. MP Government के स्तर से दी जा रही सब्सिडी की 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी हो गई है। अगर इसका भुगतान जल्द न किया गया तो बिजली कंपनी की हालत चरमराने की नौबत आ जाएगी। ऐसे में UFFPEE के इंजीनियर ह्वीकेएस परिहार ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है।

परिहार के अनुसार प्रदेश सरकार मौजूदा वित्तीय वर्ष में बिजली कंपनियों को 14,338 करोड़ रुपए की कर्जदार हो गई है। यह राशि उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी की है, जिसका भुगतान सरकार को हर तीसरे महीने बिजली कंपनियों को करना होता है। पर इस बार ऐसा नहीं हो सका है। बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते राज्य सरकार अब तक सब्सिडी का पैसा बिजली कंपनियों नहीं दिया है।
इधर बिजली कंपनी लगातार राजस्व में वृद्धि को अभियान चला रही है। आमजन से लेकर सरकारी दफ्तरों तक के बिजली कनेक्शन लगातार काटे जा रहे हैं। लेकिन सरकार से अपेक्षित सब्सिडी मद का पैसा ही इतना है कि वह अगर जल्द नहीं मिलता तो संभव है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को वेतन भुगतान तक न कर सके।
बताया जा रहा है कि मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी को अकेले मप्र पॉवर जनरेशन कंपनी को 6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान करना है। लेकिन पैसे नहीं मिलने से जनरेशन कंपनी को कोल कंपनियों का भुगतान रोकना पड़ रहा है। सरकार हर माह 1100 करोड़ यानी हर साल लगभग 13 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी देती है जिसके बाद बिजली कंपनियां सरकार की घोषणा पर उपभोक्ताओं को सीधे सब्सिडी का लाभ देती है।
साल 2019 में सरकार को 17,506 करोड़ रुपए की सब्सिडी देनी थी, जिसमें से 13,870 करोड़ की देनदारी देने के बाद 3,636 करोड़ रुपए की सब्सिडी बकाया है। वर्ष 2020-21 में नवंबर 20 तक 7,685 करोड की राशि बकाया है। इस तरह राज्य सरकार पर अब तक बिजली कंपनियों का सब्सिडी का 14,338 करोड़ रुपए बकाया है।
राज्य सरकार ऊर्जा विभाग द्वारा इंदिरा गृह ज्योति योजना,इंदिरा किसान ज्योति योजना के अलावा निशुल्क विद्युत प्रदाय योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सब्सिडी दे रही है। इसमें किसानों को अकेले करीब 90 फीसद सब्सिडी मिलती है।
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