नोएडा में अवैध वसूली करने पहुंचे मप्र पुलिस के अधिकारी, बदले में ये एसपी और टीआई निपट गए

जबलपुर। स्टेट साइबर सेल में पदस्थ एसआई राशिद खान, एसआई पंकज साहू और आरक्षक आसिफ की ओर से नोएडा में ठगी के आरोपी से रुपए मांगने के मामले में साइबर सेल के एसपी अंकित शुक्ला और निरीक्षक हरिओम दीक्षित की भूमिका संदिग्ध है। पुलिस मुख्यालय भोपाल ने सोमवार को आदेश जारी कर दोनों को पुलिस मुख्यालय अटैच कर दिया। मामले की जांच भोपाल स्टेट साइबर सेल के एसपी गुरुकरण सिंह को सौंपी गई है। मंगलवार को एसपी सिंह जबलपुर पहुंचेंगे।

एसपी गुरुकरण सिंह को सौंपा जांच का जिम्मा
स्टेट साइबर सेल के एसपी शुक्ला और टीआई दीक्षित को पीएचक्यू में किया अटैच

इधर नोएडा में न्यायालय ने दोनों एसआई समेत आरक्षक को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। स्टेट साइबर सेल में दर्ज अपराध क्रमांक 176/2018 धारा 420, 468, 471, 120 बी के मामले की जांच के लिए दोनों एसआई पंकज साहू, एसआई राशिद खान और आरक्षक आसिफ 15 दिसंबर को नोएडा पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने सूर्यभान को उसके ऑफिस से उठाया और दिनभर उसे अपनी इनोवा में बैठाकर यहां-वहां घुमाते रहे। उसे जबलपुर ले जाकर आपराधिक प्रकरण में फंसाने की धमकी दी। 16 से 18 दिसंबर के बीच सूर्यभान से एक लाख 70 हजार रुपए सेन्ट्रल बैंक के एकांउट में जमा कराए गए। जिसके बाद तीन लाख रुपए नकद और 24 लाख रुपए के बिटक्वाइन लिए गए। इसके बाद फिर से 24 लाख रुपए की राशि आसिफ खान के एकाउंट में ट्रांसफर किए गए। पुलिस ने जांच के दौरान वेब जोन टेक्नॉलॉजी प्रायवेट लिमिटेड के बैंक खाते को सीज कर दिया था, लेकिन उसे बचाने के लिए एकाउंट को ड्रीफ्रीज कर दिया गया। इसी खाते से 58 लाख रुपए निकालकर सूर्यभान ने साइबर टीम को 18 दिसंबर को दिए गए थे।

सीएम ने दिए बर्खास्त करने के निर्देश
मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने गंभीरता से लिया है। सोमवार रात मुख्यमंत्री ने ट्विट कर एसआई पंकज साहू, राशिद खान और आरक्षक आसिफ को बर्खास्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिए जाने की जानकारी दी।



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