
जबलपुर। केंद्र सरकार के नए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्यिक अधिनियम 2020 के तहत प्रदेश में सोमवार को पहली कार्रवाई की गई। एक किसान को उसकी उपज की खरीदी की रसीद और तय समय सीमा में भुगतान नहीं करने पर व्यापारिक फर्म पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। यह कार्रवाई पाटन एसडीएम आशीष पांडेय ने की।
कृषि उपज मंडी समिति पाटन के सचिव के सुनील पांडेय के अनुसार केंद्र सरकार का नया कृषि कानून लागू होने के बाद से व्यापारी मंडी प्रांगण के बाहर मंडी टैक्स नहीं लगने के कारण किसानों से सीधे धान की खरीदी कर भंडारण कर रहे हैं, जिसे शासकीय खरीदी अवधि में खरीदी केंद्रों में खपाया जा सके। यह जानकारी एसडीएम पाटन आशीष पांडेय के संज्ञान में आने पर 23 नवम्बर को निरीक्षण दल के साथ शारदा वेयर हाउस पाटन में निरीक्षण किया।

यह है नियम
कृषक उपज व्यापार और वाणिज्यिक संवर्धन और सरलीकरण अधिनियम 2020 की धारा 4 की उपधारा 3 में लिखा है कि कि प्रत्येक व्यापारी जो कृषकों के साथ कृषि उपज का लेनदेन करता है, तो किसान को उसी दिन या अधिकतम तीन कार्य दिवस के भीतर उपज का भुगतान करना होगा। इसकी एक रसीद भी किसान को देना जरूरी है।
34 सौ बोरी धान था भंडारित
निरीक्षण में पाया गया कि मंडी के लाइसेंसधारी व्यापारी फ र्म शिवशक्ति ट्रेडर्स ने 34 सौ बोरी धान खरीद कर भंडारित किया था। फर्म मालिक से धान खरीदी एवं कृषकों को भुगतान से सम्बंधित अभिलेख मांगे। नहीं दिए जाने पर निरीक्षण दल के सदस्य सचिव कृषि उपज मंडी समिति पाटन सुनील पांडेय को एसडीएम ने कृषकों का भुगतान कराने एवं निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था। सचिव ने 24 घंटे के अंदर विक्रेता किसानों के खाते में फ र्म शिवशक्ति ट्रेडर्स से कृषि उपज मूल्य की राशि 22 लाख 46 हजार 8 सौ रुपए आरटीजीएस के माध्यम से जमा कराए।
रसीद न भुगतान किया
फ र्म शिवशक्ति ट्रेडर्स ने किसानों कृषि उपज के मूल्य का भुगतान उसी दिन नहीं किया न डिलीवरी की रसीद निर्धारित प्रारूप में दी। कानून के तहत फर्म पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही जब्त धान की सुपुदर्गी इस शर्त पर दी गई कि फर्म खरीदी अवधि के दौरान प्रदेश में कहीं इसका विक्रय नहीं कर सकेगा। बाहर के लिए वह स्वतंत्र है।

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