
जबलपुर. पवित्र नदी मां नर्मदा किनारे स्थित गोपालपुर के अति प्राचीन पशुपतिनाथ मंदिर के परिसर को नया स्वरूप दीया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी महाराज के अनुसार मंदिर के मुख्य द्वार को दक्षिण भारतीय शैली में बनवाया जाएगा। बांसुरी नुमा द्वार से होकर भक्त मंदिर में प्रवेश करेंगे।
बता दें कि यह मंदिर शिव के त्री आयामी स्वरूप के लिए चर्चित है। एक तरफ से श्री गणेश, दूसरी तरफ से शक्ति और तीसरी तरफ से शिव के दर्शन होते हैं। गुम्बज श्रीयंत्र से सुशोभित है। परकोटा अनूठा है, जिससे नर्मदा की सुरम्य कलकल निनादित धारा मन मोहती है। मंदिर में एक ध्यान गुफा भी है। सीढ़ी नर्मदा के लक्ष्मी घाट की तरफ भी खुलती है। समीप ही श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर स्थित है। चारों तरफ अनुपम दृश्य बनता है। एक बार जो दर्शन कर ले बरबस ही बारंबार आता है। ऐसे में मंदिर परिसर को नया स्वरूप देने की योजना बनाई गई है।
मंदिर को न्या स्वरूप देने के लिए भक्तगण का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। मंदिर का परकोटा बेहतर हो गया है। धूनी कुटी भी अद्भुत है। उसे और निखारा जाना है। गुम्बज को नया रुप देते हुए शिखर को और ऊंचा करने की योजना है। साथ ही चारों तरफ चहारदीवारी भी बनेगी। इसके लिए नक्शा बनवाया जा रहा है। गोपालपुर मंदिर की महिमा को लेकर गीत भी तैयार हो रहा है।
प्रयास है कि इस मंदिर की ख्याति नेपाल के पशुपतिनाथ जैसी हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए नेपाली तर्ज के स्थापत्य पर भी काम हो रहा है। कलाकार इस दिशा में रचनात्मक सहयोग देने आगे आ रहे हैं। शीघ्र ही अच्छे परिणाम सामने आएंगे। इसे लेकर देश के अन्य मंदिरों के प्रबंधन से भी चर्चा हो रही है। गोपालपुर मंदिर शीघ्र नया स्वरूप ले इसे लेकर कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी।
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