coronavirus come back: जबलपुर में कोरोना का कमबैक, खतरे में पूरा शहर, लापरवाही पड़ रही भारी

जबलपुर। शहर में कोरोना अटैक के बीच रेकॉर्ड में समय में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज-एनएससीबीएमसी में वायरोलॉजी लैब तैयार करने के बाद उसकी छह महीने में ही जांच क्षमता दोगुनी हो गई है। इस अवधि में बीएसएल-2 लैब में एक लाख से ज्यादा कोरोना संदिग्ध के नमूने का परीक्षण किया गया। नमूने की जांच के बीच लैब के टेक्नीशियन एवं सपोर्टिंग स्टाफ सहित पांच कर्मीकोरोना की जकड़ में आए। लेकिन, लैब के किसी सदस्य का हौसला नहीं टूटा। संक्रमित स्टाफ ने कोरोना को मात देकर दोबारा लैब में वापसी की। इस टीम ने कोरोना से लगातार युद्ध के बीच लैब में नमूने की परीक्षण क्षमता को दोगुना कर दिया। पहले प्रतिदिन औसत चार सौ नमूने की जांच हो रही थी अब उसी लैब में प्रतिदिन 12 सौ के करीब कोरोना संदिग्ध के नमूने का परीक्षण हो रहा है।

मुश्किल हालात, फिर भी हौसला है बरकरार

अब तीन पीसीआर और दो आरएनए एक्सट्रक्शन मशीन
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पीके कसार ने एक पखवाड़े के अंदर वायरोलॉजी लैब की स्थापना करके कोविड आरटीपीसीआर जांच शुरूकराई। उसके बाद माइक्राबायोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. रीति सेठ, डॉ. श्रुति असाटी, डॉ. मनीष नागेंद्र के साथ टेक्नीशियंस की टीम ने शुरुआती 126 दिन तक बिना अवकाश लगातार काम किया। जांच संख्या अचानक बढऩे पर लैब का विस्तार करके तीन पीसीआर और दो आरएनए एक्सट्रक्शन मशीन के साथ जांच क्षमता बढ़ गई। लैब में चौबीस घंटे जांच के साथ अब प्रतिदिन औसतन 11 सौ से 12 सो कोरोना संदिग्ध के नमूने की जांच हो रही है।



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