
बिजली का उत्पादन
- 11.5 मेगावॉट बिजली का प्रतिदिन होता है उत्पादन कठौंदा प्लांट में
- 345 मेगावॉट बिजली बनती हैं महीने में
- 500 टन जलता है कचरा
- 3160 किलोवॉट सोलर एनर्जी का रोजाना उत्पादन
जबलपुर। नवकरणीय संसाधनों का उपयोग कर बिजली उत्पादन के लिए जबलपुर नगर निगम देशभर में अपनी अलग पहचान बना रहा है। इस नवाचार को लेकर निगम के प्रयास को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है। निगम प्रशासन ने अपने जल शोधन संयंत्रों की जमीन का इसके लिए सही उपयोग किया है। शहर में नगर निगम के चार बड़े जलशोधन संयंत्र हैं। ललपुर, रमनगरा, भोंगाद्वार और रांझी स्थित जलशोधन संयंत्रों के परिसर में बड़े सोलर पैनल लगाए गए हैं। गढ़ा, रांझी जोन, बल्देवबाग, घमापुर और बृजमोहन नगर स्थित कार्यालयों के भवनों की छत पर पर भी सोलर पैनल से बिजली बनाई जा रही है। नगर निगम प्रशासन अपनी अन्य जमीन और बड़े भवनों में भी सोलर पैनल स्थापित करने की योजना बना रहा है। जबलपुर नगर निगम के कार्यपालन यंत्री कमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि कठौंदा प्लांट में कचरे से बिजली का उत्पादन जारी है। सभी जलशोधन संयंत्रों और निगम के जोन कार्यालयों के भवन की छत पर भी सोलर पैनल से सोलर एनर्जी का उत्पादन हो रहा है।
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