बैंकों में हड़ताल से कामकाज ठप, करोड़ों का लेन-देन प्रभावित

जबलपुर. दस सूत्री मांगों के समर्थन में 10 श्रमिक संगठनों के साथ बैंककर्मियों ने गुरुवार को हड़ताल की। बैंकिंग स्ट्राइक के चलते बैंकों में ताले लटके रहे। कोई लेन-देन नहीं हुआ जिससे करोड़ों के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं आम उपभोक्ताओं को भी इस हड़ताल के चलते कठिनाई का सामना करना पड़ा।

बता दें कि जिले में सभी बैंकों को मिला कर करीब 269 से ज्यादा बैंकिंग शाखाएं है। इनमें रोजाना 500 करोड़ से ज्यादा का टर्न ओवर होता है। ये सारा काम आज ठप है। चेक क्लियरेंस जैसे काम भी नहीं हो रहे। ऐसे में उपभोक्ताओं के पास ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ही एक मात्र सहारा है। वहीं नकदी के लिए लोगों के पास एटीएम ही विकल्प है।

यहां यह भी बता दें कि इस हड़ताल में 10 श्रमिक संगठनों के साथ ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन और बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल हैं।

यूनियन के मुख्य पदाधिकारियों ने सिविक सेंटर उद्यान में प्रदर्शन किया। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार बैंक कर्मचारी-अधिकारियों की संख्या उतनी देखने नहीं मिली। यूनियन पदाधिकारियों ने ही इस बारे में दिशा निर्देश जारी किए थे कि शारीरिक दूरी का पालन जरूरी है।

बैंक इंप्लाइज यूनियन की प्रमुख मांगें
एमपीबीइए यूनियन के सहायक महासचिव संतोष गुप्ता, एलएन कपूर, एचपी पटेल, जसबीर आहूजा, संजय खरे, डीडी अहिरवार, अंकित अवस्थी, शशांक सिन्हा, सतीश समन सिविक सेंटर में जुटे। यहां मौजूद बैंकर्स लीडर्स ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों का वाचन किया।
-बैंकों का निजीकरण बंद करना
- सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत करना
- ऋण चूककर्ताओं के विरुद्ध कठोर कदम उठाना
- बड़े कारपोरेट ऋणों की वसूली में तेजी लाना
- बैंक जमा पर ब्याज की दर बढ़ाना
- नियमित बैंकिंग कार्यों की आउटसोर्सिंग बंद करना
- बैंकों में समुचित भर्ती करना,
- सहकारी सहित सभी बैंकों में महंगाई भत्ते से संबंध पेंशन योजना शुरू करना,
-सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों को मजबूत करना
-केंद्रीय श्रम संगठनों द्वारा आयोजित कामगारों के राष्ट्रीय सम्मेलन के 7 सूत्रीय मांगपत्र का समर्थन करना



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