मप्र के शहर में गरजी बोफोर्स, शारंग और धनुष पहले ही दहला चुकी हैं धरती

जबलपुर। शारंग तोप और धनुष की बैरल की टेस्टिंग के बाद लॉन्ग प्रूफ रेंज (एलपीआर) खमरिया में 155 एमएम 39 कैलीबर बोफोर्स तोप की टेस्टिंग भी शुरू की गई है। सेना इन तोप का इस्तेमाल करती है, लेकिन इनकी नियत तिथि के बाद ओवरहालिंग की जाती है। यह काम भी देशभर में सिर्फ जबलपुर में होता है। 506 आर्मी बेस वर्कशॉप इसका नोडल सेंटर है। अब यहां से ओवरहालिंग के उपरांत तोप को टेस्टिंग के लिए एलपीआर भेजा जाने लगा है।

ओवरहालिंग के बाद टेस्टिंग
शारंग-धनुष के बाद एलपीआर खमरिया में बोफोर्स भी गरजी

14 किमी से ज्यादा की रेंज वाले एलपीआर में इस साल कई सारे प्रयोग किए गए। इसमें 38 से 40 किमी की रेंज वाली शारंग तोप का सफल परीक्षण किया गया। जीसीएफ और वीएफजे में तैयार शारंग तोप का परीक्षण भी जबलपुर में किया जाता है। हर रोज दो से तीन शारंग तोप का शक्ति परीक्षण यहां पर होता है। इसी प्रकार जीसीएफ से 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप की बैरल की जांच भी यही हो रही है। जबकि पहले इसके लिए दूसरी जगह काम करना पड़ता था। अब बोफोर्स की बैरल का परीक्षण भी रेंज में किया जा रहा है। इसकी शुरुआत हाल ही में हुई है।

 

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सेना की ताकत है यह तोप
मौजूदा समय में सेना के पास सबसे बड़ी तोप के रूप में बोफोर्स ही बड़ा हथियार है। इसका देसी वर्जन यानी 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप जरूर सेना को डिस्पैच की जाने लगी हैं लेकिन इसकी संख्या अभी सीमित है। इसी तरह कुछ दूसरी गन भी सेना के पास आ चुकी है लेकिन बोफोर्स अभी मैदानी और दुर्गम पर्वतीय स्थलों पर दुश्मनों से मुकाबला करने का प्रमुख हथियार है। एक अवधि तक इस्तेमाल करने के बाद इनकी ओवरहालिंग अनिवार्य हो जाती है। यह खमरिया इस्टेट से लगे आर्मी बेस वर्कशॉप में की जाती है।

एलपीआर का उपयोग ज्यादा से ज्यादा तोप के परीक्षण में किया जा सके, इसके प्रयास कर रहे हैं। इसमें सफलता भी मिली है। शारंग तोप और धनुष की बैरल की टेस्टिंग बड़ा उदाहरण है। अभी बोफोर्स की बैरल की टेस्टिंग भी शुरू की है।
- ब्रिगेडियर निश्चय राउत, कमांडेंट, एलपीआर खमरिया



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IMAGE CREDIT: PATRIKA

डीजी आर्टलरी करेंगे जीसीएफ में समीक्षा
गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में चल रहे तोप के उत्पादन की मंगलवार को डायरेक्टर जनरल आर्टलरी लेफ्टिनेंट जनरल के. रविप्रसाद समीक्षा करेंगे। उनके दौरे को देखते हुए जीसीएफ में सोमवार को पूरे दिन तैयारियां चलीं। इस दौरान वे फैक्ट्री में चल रहे 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष एवं शारंग तोप के उत्पादन की स्थिति की जानकारी लेंगे। साथ ही 105 एमएम लाइट फील्ड गन एवं एल-70 गन के उत्पादन की समीक्षा करेंगे।
लेफ्टिनेंट जनरल फैक्ट्री के महाप्रबंधक एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसके उपरांत जीसीएफ प्रशासन के द्वारा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से वर्तमान स्थिति से अवगत कराया जाएगा। डायरेक्टर जनरल धनुष अनुभाग, शारंग अनुभाग एवं लाइट फील्ड गन अनुभाग का निरीक्षण भी कर सकते हैं। वर्तमान में समय में जीसीएफ में तोप से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनके उत्पादन की स्थिति की समीक्षा इस दौरान होगी। जीसीएफ अपर महाप्रबंधक व जनसम्पर्क अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने बताया कि डायरेक्टर जनरल आर्टलरी का दौरा हो रहा है।



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