
जबलपुर. मध्यप्रदेश में जल्द ही उपभोक्ताओं को बिजली का झटका लग सकता है। मध्यप्रदेश में उपचुनाव खत्म होने के बाद अब बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका देने की तैयारियां शुरु कर दी हैं। बता दें कि बिजली कंपनियां पहले ही बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी करना चाहती थीं लेकिन पहले कोरोना वायरस और फिर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के चलते उनका प्रस्ताव मंजूर नहीं हो पाया। खबरें हैं कि विद्युत कंपनियां बिजली की दरों में 7 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार करने में जुट गई हैं।
विद्युत नियामक आयोग को भेजा जाएगा प्रस्ताव
विद्युत कंपनियां घाटे का हवाला देते हुए बिजली की दरों में इजाफा करने की तैयारी में हैं और वो अपना प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को जल्द भेज सकती हैं। अगर प्रस्तदाव मंजूर होता है तो फिर उपभोक्ताओं को बिजली का करंट लग सकता है। विद्युत कंपनियों का कहना है कि कोरोना काल में विद्युत कंपनियों को भी काफी घाटा लगा है और उनके पास राजस्व नहीं आ पा रहा है। अगर दाम नहीं बढ़ाए गए तो संकट बढ़ सकता है और निरंतर बिजली सप्लाई देना भी मुश्किल हो सकता है। बता दें कि साल 2020-21 में बिजली कंपनियों ने औसत 5.25 फ़ीसदी दाम बढ़ाने की अनुमति विद्युत नियामक आयोग से मांगी थी लेकिन पहले कोरोना और फिर उपचुनाव के चलते इस पर कोई फैसला नहीं हो सका। अब जब उपचुनाव हो चुके हैं तो कंपनियां फिर से प्रस्ताव तैयार करने में जुट गई हैं जिन्हें विद्युत नियामक आयोग को भेजा जाएगा।
अभी ये हैं मौजूदा बिजली की दरें
- 0-50 यूनिट तक 3.85 रुपए प्रति यूनिट
- 51-150 यूनिट तक 4.95 रुपए प्रति यूनिट
- 151-300 यूनिट तक 6.30 रुपए प्रति यूनिट
- 300 यूनिट से ऊपर 6.50 रुपए प्रति यूनिट
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