शहर में प्रदूषण का खतरा, काट डाले हजारों पेड़ अब ऑक्सीजन के लिए तरस रहीं सांसें

जबलपुर। शहर की खुशनुमा आबोहवा के लिए देशभर में अलग पहचान रखने वाले जबलपुर को नजर लग गई है। वायु प्रदूषण लगातार बढऩे के कारण यह चर्चा आम हो रही है। दरअसल, दीपावली के एक दिन बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स सामान्य स्तर पर आ गया था, लेकिन उसके बाद के दिनों में कई बार एक्यूआई पुअर श्रेणी में पहुंचा। कोरोना संकट के बीच इसे खतरनाक माना जा रहा है।विशेषज्ञों के अनुसार नगर में वायु प्रदूषण का स्तर बढऩे का बड़ा कारण ग्रीन बेल्ट का तेजी से सिमटना है। पिछले एक दशक में नगर सहित बायपास के किनारे के दशकों पुराने पेड़ों पर जमकर कुल्हाड़ी चली। जिस अनुपात में पेड़ काटे गए, उस अनुपात में पौधरोपण नहीं किया गया।

एयर फिल्टर करते हैं पेड़
पर्यावरणविदों के अनुसार पेड़ एयर फिल्टर का काम करते हैं। पेड़ों की संख्या कम होने से वायुमंडल दूषित होता है। इससे प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता है।

बढ़ा हुआ है एक्यूआइ
नगर में एक्यूआइ का स्तर अभी भी बढ़ा हुआ है। बुधवार को वायु गुणवत्ता की श्रेणी मध्यम दर्ज हुई। यानि मंगलवार के मुकाबले पीएम 2.5 और पीएम 10 कुछ कम हुआ। लेकिन एक्यूआइ अभी भी सुरक्षित सीमा से ज्यादा है।

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