जुए के फड़ से गिरफ्तार कांग्रेस नेता की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जानें क्या है मामला

जबलपुर. जुए के फड़ से गिरफ्तार कांग्रेस नेता जग्गू सोनकर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। पुलिस कार्रवाई के दौरान उनके घर से बरामद असलहो का जखीरा उनके लिए मुसीबनता नजर आने लगा है। दरअसल जो असलहे सोनकर के घर से बरामद हुए थे उनका इस्तेमाल वन्य जीवों के शिकार में होता है। ऐसे में पुलिस को आशंका है वह लंबे समय से वन्य जीवों का शिकार भी कर रहे होंगे।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक वो असलहे व कारतूस आदि ईशापुर और बेल्लारी से खरीदे थे। इस तरह से इसके तार कर्नाट व उत्तर पूर्व भारत से भी जोड़े जा रहे हैं। इस बीच जुए के फड़ से गिरफ्तार आरोपियों के बयान भी बार-बार बदलने से पुलिस की शंका विश्वास में तब्दील होती जा रही है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गज्जू सोनकर व उसके भाई सोनू के खिलाफ एनएसए का प्रकरण तैयार कर लिया गया है। इतना ही नहीं पूरे प्रकरण में मौके भागे आरोपी रजनीश वर्मा की गिरफ्तारी पर पुलिस अधीक्षक ने पांच हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है।

बता दें कि कांग्रेस नेता गज्जू उर्फ गजेंद्र सोनकर के घर पर पिछले दिनों पुलिस ने दबिश दी थी। उस वक्त 41 लोगों को जुआ खेलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मीडिया से मुखातिब पुलिस ने तब बताया था कि दबिश के वक्त मौके पर सौ से ज्यादा लोग थे मगर ज्यादातर लोग मौके से भाग निकलने में कामयाब रहे। उसी दरम्यान पुलिस ने सोनकर के घर से असलहों का जखीरा बरामद किया था। लेकिन पुलिस गज्जू के पिता को नहीं पकड़ पाई थी। अवैध गतिविधियों का हिसाब किताब रखने वाला गज्जू का मैनेजर बड़ी खेरमाई निवासी रजनीश वर्मा भी भाग गया था, जिसके घर की तलाशी में लोडेड पिस्टल मिली थी। ऐसे हथियार भी मिले थे जिनका उपयोग प्रतिबंधित है। इन सबके बाद ही पुलिस ने कांग्रेस नेता गज्जू को पुलिस ने रिमांड पर लिया था।

इस मामले में एसटीएफ व क्राइम ब्रांच के भी शामिल हो जाने से जग्गू की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। जब्त हथियारों व कारतूस के संबंध में एसटीएफ के अधिकारियों ने गज्जू व उसके भाई सोनू से पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि दोनों ने पुलिस को गुमराह करने की भरपूर कोशिश की। दोनों ने पहले बताया कि उनके दिवंगत भाई पूर्व पार्षद रहे धर्मेंद्र सोनकर ने हथियार खरीदे थे। फिर कहा कि उन्हें नहीं पता कि घर में किसने हथियार रख दिया। पूछताछ के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि गज्जू समेत अन्य आरोपित 2010 से हथियारों का जखीरा बढ़ा रहे थे। कुछ आग्नेय शस्त्र ऐसे हैं जिनके उपयोग के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होती। हालांकि यह पता नहीं चल पाया कि ऐसे हथियार गज्जू व उसके परिवार को किसने बेचे थे।

बताया जा रहा है कि 2014 में हुई हत्या के प्रयास की एक घटना के बाद से गज्जू व उसके परिवार के सदस्यों के नाम लिए गए तीन आग्नेय हथियार पुलिस थाने में जमा हैं। पूछताछ में पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में है कि गज्जू व उसके परिवार के अन्य सदस्य किस इरादे से हथियारों का जखीरा जमा कर रहे थे।



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