
जबलपुर. पुलिस अधिकारी हों या सिपाही सभी के अवकाश रद्द कर दिए गए हैं। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा का निर्देश है कि कोई भी अधिकारी और सिपाही 5 नवंबर तक छुट्टी पर नहीं जाएगा। इसमें एसआइ, एएसआइ, आरक्षक और प्रधान आरक्षक सभी शामिल हैं।
दरअसल जिले के करीब एक हजार पुलिस कर्मियों को मुरैना भेज दिया गया है। इसमें शहर से 40 एसआइ और एएसआइ और लगभग 900 आरक्षक, प्रधान आरक्षक हैं। इन सभी की ड्यूटी उपचुनाव में लगी है। ऐसे में शेष बचे पुलिस अधिकारियों व आरक्षक, प्रधान आरक्षकों, एसआई व एएसआई के अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं।
यही नहीं, मौजूद पुलिसकर्मियों का ड्यूटी ऑवर भी बढ़ा दिया गया है। थानों में तैनात अधिकारी, कर्मचारी रात 12 बजे ड्यूटी से जाने के बाद वह सुबह 9 बजे तक हर हाल में ड्यूटी पर लौट आएंगे। पेट्रोलिंग के लिए पुलिस बल की कमी के चलते थानों में तैनात सुरक्षा बल में से एक सिपाही को गश्त के लिए लगाया गया है। डायल 100 में भी ड्राइवर के साथ एक सिपाही होगा। आलम यह है कि विपरीत परिस्थिति बनती है तो उसे नियंत्रण करना मुश्किल होगा।
पुलिस बल की कमी के चलते जिले में धरना-प्रदर्शऩ पर भी रोक लगा दी गई है। वैसे कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पहले से ही जुलूस आदि प्रतिबंधित है। फिर भी एहतियात के तौर पर पुलिस के उच्चाधिकारियों ने राजनीतिक दलों के स्थानीय नेताओं से वार्ता कर 5 नवंबर तक अपनी सारी गतिविधियों को स्थगित रखने को कहा है।
एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा का निर्देश दिए है कि जब तक बल वापस नहीं आता, तब तक टीआइ, सीएसपी देर रात तक थानो में रहेंगे और लगातार जानकारी लेते हुए संवेदनशील इलाकों में भ्रमण करेंगे। साथ ही क्राइम ब्रांच की टीम को भी ड्यूटी पर लगाया गया है, ताकि पुलिस की मौजूदगी शहर में दिखती रहे। वैसे कहा गया है कि बल के वापस लौटने पर जितने कर्मियों ने अधिक ड्यूटी की है वह यदि चाहें तो अवकाश भी दिया जाएगा।
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