
जबलपुर। राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि परिवहन विभाग को स्मार्ट कार्ड रीडर व स्पीड लिमिट डिवाइस की आपूर्ति मानकों के अनुरूप की जा रही है। इसकी लगातार मॉनिटरिंग हो रही है। इसके ठेके में कोई अनियमितता नहीं हुई। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव व जस्टिस राजीव कुमार दुबे की युगलपीठ ने जवाब को संज्ञान में लेकर उक्तठेके के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज कर दी।
राज्य सरकार का जवाब, हाइकोर्ट ने जनहित याचिका की खारिज
स्मार्ट कार्ड रीडर और स्पीड लिमिट डिवाइस आपूर्ति की हो रही मॉनिटरिंग
अवधपुरी, भोपाल निवासी दीपक राज दुबे की ओर से अधिवक्ता आयुष चौबे ने कोर्ट को अवगत कराया कि राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने स्मार्ट कार्ड रीडर व स्पीड लिमिट डिवाइस का ठेका स्थानीय स्मार्ट चिप लिमिटेड को दिया। जबकि, इस कम्पनी ने अन्य प्रदेशों में कई अनियमितताएं की। इसके लिए कम्पनी के खिलाफ अदालत में अभियोजन भी संस्थित किया गया। इसके बावजूद उक्तकम्पनी को दिया गया ठेका प्रदेश में बार-बार बढ़ाया जा रहा है।
ठेका निरस्त करने और फिर समयावधि न बढ़ाने देने का निर्देश देने का आग्रह किया गया। राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने साफ किया कि ठेका जिन दस्तावेजों का अवलोकन करके दिया गया है, वे सही हैं। इसके अलावा उक्त ठेके के तहत की जा रही स्मार्ट कार्ड व स्पीड लिमिट डिवाइस की आपूर्ति की अधिकारियों के जरिए मॉनिटरिंग की रही है। कम्पनी ने प्रदेश में अब तक कोई अनियमितता नहीं की। इसलिए ठेका प्रक्रिया पर शंका निराधार है।
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