
जबलपुर। जबलपुर को गोंदिया से जोडऩे वाली ब्रॉडगेज परियोजना जल्द पूरी होगी। इसके संकेत हाल ही में मिले हैं। इसमें सीआरएस एके राय का निरीक्षण भी शामिल है। जानकारी के अनुसार लामता से समनापुर के बीच लगभग 23 किमी में रेल लाइन के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होने के बाद दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ओर से सीआरएस को यह रिपोर्ट भेजी गई थी। रिपोर्ट मिलने के बाद सीआरएस ने 30 अक्टूबर को चिरईडोंरगी से मंडला और 31 अक्टूबर को लामता से समनापुर के रेल लाइन के इलेक्ट्रिफिकेशन के निरीक्षण की अनुमति दे दी है। सीआरएस निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट देंगे। इसके बाद पूरी रेल लाइन पर ट्रेनों का संचालन शुरू किया जा सकेगा।
ट्रैक बिछा, इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ पूरा-
जानकारी के अनुसार लामता से समनापुर के बीच 23 किमी और कटंगी से तिरौली के बीच 16 किमी का काम शेष था। लामता से समनापुर के बीच ट्रैक बिछाने के साथ इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य भी पूरा हो गया है।
नैनपुर तक ट्रेन का संचालन
इस ट्रैक पर जबलपुर के गढ़ा रेलवे स्टेशन से नैनपुर के बीच एक ट्रेन चल रही थी। लॉकडाउन के बाद से ट्रेन बंद है। ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन होने से दक्षिण भारत और उत्तर भारत की दूरी कम हो जाएगी।

मालगाड़ी चलाकर किया था निरीक्षण
सीआरएस ने 15 अगस्त को लामता और समनापुर के बीच मालगाड़ी चलाकर पटरी का परीक्षण किया गया। सीआरएस ने 23 अगस्त को डीजल लोको व वेस्ट सेंट्रल रेलवे की ऑब्जर्वेशन कार से लामता से नैनपुर के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य का भी निरीक्षण किया था। इसके बाद इलेक्ट्रिक इंजन के जरिए नैनपुर से लामता के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन स्पीड का भी ट्रायल किया गया।
परियोजना के चरण
प्रथम चरण : जबलपुर से सुकरीमंगेला 53 किमी
दूसरा चरण : सुकरीमंगेला से घंसौर 36 किमी
तीसरा चरण : घंसौर से नैनपुर 17 किमी
चौथा चरण : नैनपुर से समनापुर 61 किमी
पांचवां चरण : चिरईडोंगरी से लामता 35 किमी
छठवां चरण : लामता से समनापुर 23 किमी
ब्रॉडगेज परियोजना
2001 में हुआ परियोजना का शिलान्यास
551 करोड़ रुपए थी तत्कालीन लागत
2004 से 2014 तक विभिन्न कारणों से काम अटका
1632.42 करोड़ रुपए है परियोजना की कुल लागत
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