
ज्ञानी रजक@जबलपुर। ई-हॉस्पिटल पोर्टल योजना जिले में तीन प्रमुख सरकारी अस्पतालों तक सीमित है। इसका विस्तार शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में संचालित कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) तथा प्राइमरी हेल्थ सेंटर (पीएचसी) तक नहीं हो सका है। यदि ऐसा होता है तो चिकित्सकों को मर्ज और दिए गए इलाज की ऑनलाइन जानकारी मिलनी आसान होगी। अभी की स्थिति में मरीज के द्वारा दिखाए गए पर्चे के आधार पर चिकित्सक आगे का इलाज मुहैया करवाते हैं।
ई-हॉस्पिटल पोर्टल योजना: सिर्फ तीन सरकारी हॉस्पिटल में शुरू हो पाई है सुविधा
डॉक्टरों तक नहीं पहुंच पा रही है सभी मरीजों की ‘कुंडली
एनआइसी के ई-हॉस्पिटल पोर्टल से नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला चिकित्सालय एवं लेडी एल्गिन हॉस्पिटल जुड़ा है। इस पोर्टल के डैशबोर्ड पर ओपीडी में आए मरीज और आइपीडी यानी भर्ती मरीजों की संख्या का प्रदर्शन होता है। इलाज के लिए मरीज को पंजीयन के रूप में एक आइडी मिलती है। यदि मरीज इन अस्पतालों में भर्ती होता है तो उसका इलाज और उपचार में दी गई दवाइयों से लेकर तमाम जानकारी चिकित्सक ऑनलाइन करते हैं।
30 सेंटर में इलाज- जिले में आठ सीएचसी और 22 पीएचसी 22 हैं। कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा भी रहती है। वहीं प्राइमरी सेंटर में केवल इलाज और दवाइयों का वितरण किया जाता है। यदि सीएचसी को ही ई-हॉस्पिटल पोर्टल से जोड़ दिया जाता है तो भी सुविधा होगी।
जिला स्तर पर तीन शासकीय अस्पतालों को ई-हॉस्पिटल सुविधा से पहले ही जोड़ा जा चुका है। ब्लॉक स्तर पर संचालित अस्पतालों को इससे जोडऩे का प्रस्ताव है। शासन से निर्देश मिलते इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।
- आशीष शुक्ला, तकनीकी निदेशक, एनआइसी जबलपुर
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3kEvYjF
#jabalpur
0 Comments