
जबलपुर. कोरोना का संक्रमण जैसे-जैसे मद्धिम पड़ रहा है, प्रशासन लोगों को वैक्सीनेट करने की तैयारी में जुट रहा है। जिला प्रशासन की चिंता है कि जिले में वैक्सीन की कितनी डोज की जरूरत होगी। वैक्सीन की कोल्ड चेन किस तरह से मेंटेन की जाएगी। किन लोगों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी। कैसे एक-एक व्यक्ति को वैक्सीन की डोज दी जाएगी। इन सभी मुद्दों पर चिंतन शुरू हो गया है।
इस मुद्दे पर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा व टीकाकरण अधिकारी डॉ एसएस दाहिया ने लंबी मंत्रणा की। कलेक्टर ने डॉ दहिया से फीडबैक लिया है कि वैक्सीन को एक निश्चित तापमान में रखने के लिए किस तरह से कोल्ड चेन तैयार किया जाएगा। डॉ दाहिया और उनकी टीम ने कलेक्टर को बताया कि जिले में कुल 32 कोल्ड चेन फोकल प्वाइंट हैं। इसमें 11 शहरी क्षेत्र में हैं, जबकि 57 आइएलआर हैं जिनमें वैक्सीन रखी जाती है। ये ईविन सिस्टम से जुड़े हैं, किसी तकनीकी खराबी के कारण निश्चित से कम तापमान होने पर उसका अलर्ट अधिकारियों को आता है तब वैक्सीन दूसरे प्वाइंट पर शिफ्ट की जाती है। लेकिन अभी तक यह आंकड़ा नहीं मिल पा रहा कि जिले में कितनी वैक्सीन स्टोर की जा सकती है।
कलेक्टर ने वैक्सीनेशन कैसे होगा, किन लोगों को इसमें लगाया जाएगा इसकी भी जानकारी चाही। इस पर बताया गया कि एएनएम के साथ ही नर्सिंग स्टाफ व नर्सिंग स्टूडेंट्स को इस कार्य में लगाया जा सकता है। इन सभी को मिलाकर तकरीबन 588 का स्टॉफ होगा। चर्चा इस बात पर हुई कि इस 599 लोगों की टीम को अलग-अलग क्षेत्र में बांटा जाए और एक टीम अगर एक दिन में अपने-अपने इलाके में 50-50 लोगों का टीकाकरण करती है तो एक दिन में 30 हजार नागरिकों को टीका लगाया जा सकेगा। यह भी बताया गया कि इस तरह से वैक्सीनेशन करने पर जिले की पूरी आबादी को वैक्सीन का डोज देने में 80 से 90 दिन का समय लगेगा। फीडबैक लेने के बाद कलेक्टर शर्मा ने स्वास्थ्य अधिकारियों को माइक्रो प्लान तैयार करने तथा स्टाफ व अन्य संसाधनों की सटीक जानकारी एकत्र करने का निर्देश दिया।
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