पीजी छात्र की मौत पर गृहनगर छग में परिजनों का प्रदर्शन, रैगिंग एंगल की जांच में जुटी जबलपुर की गढ़ा पुलिस

जबलपुर। सुभाष चन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय में आर्थों से पीजी प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर छग के राहौद निवासी डॉ. भागवत देवांगन की आत्महत्या मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सीनियरों की प्रताडऩा व रैगिंग से तंग आकर आत्महत्या करने के मामले में शनिवार को परिजनों ने गृहनगर छग के रहौद में न्याय की गुहार लगाते हुए प्रदर्शन किया। छग सरकार से मांग की कि जिस तरह बिहार सरकार ने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी के बाद एक्शन लिया था, ठीक उसी तरह इस मामले में भी कार्रवाई करे। प्रताडि़त करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। बड़े भाई प्रहलाद सहित परिजनों ने कहा कि डॉ भागवत देवांगन के साथ रैगिंग करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। डॉक्टर भागवत जबलपुर मेडिकल कॉलेज में पीजी ऑर्थो की पढ़ाई कर रहे थे। रैगिंग के चलते उन्होंने इससे पहले भी आत्महत्या की कोशिश की थी। इस मामले में उनके पांचों सीनियरों के खिलाफ नामजद शिकायत बड़े भाई प्रहलाद ने जबलपुर की गढ़ा पुलिस में की है।

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मेडिकल के पीजी छात्र के आत्महत्या मामले की जांच शुरू
मेडिकल कॉलेज में ऑर्थो पीजी से प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे भगवत देवांगन (28) की आत्महत्या मामले की जांच गढ़ा पुलिस ने शुरू कर दी है। पुलिस भागवत देवांगन के भाईयों छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा निवासी प्रहलाद और देवी प्रसाद के लिखित शिकायतों के आधार पर जांच में जुटी है। पुलिस मामले में भागवत के साथ पढऩे वाले दोस्तों सहित हॉस्टल के वार्डन के बयान दर्ज करेगी। वहीं एक माह पूर्व हुए वारदात के बावत भी जानकारी जुटाने में पुलिस जुटी है।
गढ़ा टीआई राकेश तिवारी ने बताया कि भागवत देवांगन के भाईयों ने लिखित शिकायत में पांच सीनियर पीजी छात्रों के खिलाफ नामजद शिकायत दी है। इन छात्रों के आचरण और व्यवहार के बारे में जांच शुरू कर दी गई है। भागवत देवांगन के साथ पढऩे वाले अन्य छात्रों के भी बयान लिए जाएंगे। वहीं भागवत के परिजनों को भी जरूरत के अनुसार बयान के लिए बुलाएंगे। उसका इलाज कर रहे चिकित्सक से भी व्यू लेंगे। रैगिंग का आरोप गम्भीर है। हर पहलू की बारीकी से जांच करेंगे। जांच में जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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ये है मामला-
जांचगीर चांपा के रहौद निवासी भागवत देवांगन ने पीजी आर्थोपेडिक-2020 के प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था। एमबीबीएस उसने पुणे स्थित मेडिकल कॉलेज से किया था। हास्टल नम्बर तीन में एक अक्टूबर को उसने पंखे में रस्सी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। एक महीने पहले भी उसने अधिक मात्रा में दवा खाकर इस तरह की कोशिश की थी। तब इलाज के बाद काउंसलिंग की गई थी। तब वह एक महीने की छुट्टी पर चला गया था। 25 सितम्बर को ही वह जबलपुर लौटा था।



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