
जबलपुर। कोरोना संक्रमण दर में गिरावट के साथ जबलपुर के अस्पतालों के कोविड वार्ड तेजी से खाली हो रहे हैं। अस्पतालों में भर्ती होने वाले गम्भीर कोरोना मरीज काफी कम हो गए हैं। सितंबर के अपेक्षाकृत अक्टूबर में कोरोना के काबू में रहने से एक्टिव केस भी घट गए हैं। कोविड संदिग्ध की संख्या भी कम हुई है। सरकारी अस्पतालों के कोविड वार्ड में पॉजिटिव मरीजों की 20 प्रतिशत से कम ऑक्सीपेंसी रह गई है। कुछ निजी अस्पतालों में कोविड वार्ड में अब मरीज बचे ही नहीं हैं।
एसएसएच में सिर्फ 50 मरीज भर्ती
कोविड डेडिकेटेड नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में पिछले महीने गम्भीर कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए बिस्तर खाली नहीं मिल रहे थे। आनन-फानन में करीब दोगुने कर 128 किए गए थे। ऑक्सीजन बेड तक के लिए मरीज परेशान हो रहे थे। अभी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सिर्फ 50 मरीज भर्ती है। इसमें भी ज्यादातर की हालत में सुधार हो रहा है। पिछले महीने मेडिकल अस्पताल की कैजुअल्टी में जांच के दौरान प्रतिदिन 8-10 कोरोना संक्रमित मिल रहे थे। यह संख्या भी अब सीमित रह गई है। आसपास के शहरों से रेफर होकर आने वाले कोविड केस भी कम हो गए हैे।
नॉन कोविड मरीजों का उपचार
कोरोना पीक पर बिस्तर कम पडऩे की स्थिति में कई निजी अस्पतालों ने कोविड बिस्तर बढ़ाएं थे। एक-दो निजी अस्पतालों को छोड़कर बाकी के कोविड वार्ड में अब गिने-चुने ही संक्रमित उपचाररत हैं। बदली परिस्थिति में कुछ निजी अस्पतालों ने अब कोविड को छोड़कर अन्य रोग से पीडि़त मरीजों के उपचार पर दोबारा फोकस कर लिया है। निजी अस्पताल अब नॉन कोविड ओपीडी को सुचारु करने की कवायद कर रहे है। कोविड बेड घटाने शुरू कर दिए है। इसमें अब अन्य रोग से पीडि़त मरीजों को भर्ती कर रहे है।
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