लेस्बियन, गे और ट्रांसजेंडर्स के लिए इस युवक ने समर्पित कर दिया पूरा जीवन

लाली कोष्टा@जबलपुर। खुशी का पल हो या नया मेहमान घर में आया हो किन्नर गाते बजाते पहुंच जाते हैं घरों में बधाई लेने। उनकी दुआएं तो सभी को चाहिए लेकिन वे उनके घर में रहें ये कोई नहीं चाहता। ठीक ऐसे ही... बस यही अपराध में हर बार करता हूं आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं... गायक मुकेश का ये गीत हजारों लोगों को आज भी पसंद हैं, लेकिन ये चरितार्थ होते कोई भी देखना नहीं चाहता। लड़कियों का लड़कियों के प्रति प्रेम समाज में आज भी गंदा माना जाता है। ये मुख्य धारा में होते हुए भी उपेक्षित रहते हैं। बस इसी बात ने जबलपुर सुहागी निवासी अकलेश पटेल को सोचने पर मजबूर कर दिया और फिर उसने सारा जीवन इनके पुर्नउत्थान व मुख्यधारा में सम्मान बनाए रखने का संकल्प ले लिया। साल 2012 में अकलेश पटेल ने अपने साथी मंगल सिंह, पुष्पेंद्र रावत, मिथिलेश दुबे, जितेन्द्र पटेल, एलविन दयाल, सोफी जायसवाल के साथ मिलकर एक संस्था बनाई। जो केवल किन्नरों, समलैंगिको व सेक्स वर्करों को समाज की मुख्य धारा में बनाए रखने के लिए काम करती है। पढ़ाई लिखाई से लेकर उनके स्वास्थ्य तक की चिंता की जाती है।

 

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गालियां मिलती है...लेकिन सफर जारी है
किन्नरों व समलैंगिकों की समाज में स्वीकारोक्ति को लेकर अभी समाज उतना जागरुक नहीं है, किंतु प्रयास जारी हैं। महिला और पुरुष समलैंगिकों को लेकर समाज में अलग अलग विचारधाराएं हैं। जिन्हें दूर करना इतना आसान नहीं है, लेकिन चुनौतियों को स्वीकार हम और हमारी संस्था निरंतर कार्य कर रही है। कई बार एलजीबीटी के परिजनों, ग्रामीणों व मोहल्ले वालों की गालियां तक खानी पड़ती हैं। इसके परिणाम स्वरूप बहुत से समलैंगिकों को उनके परिजनों ने स्वीकार भी कर लिया है। इनमें समलैंगिक और किन्नर दोनों शामिल हैं। किन्नरों को शिक्षित व स्वरोजगार के लिए इस समय काम चल रहा है।

देह व्यापार को खत्म करने की कवायद
देह व्यापार में अधिकतर महिलाएं युवतियां मध्यमवर्गीय या गरीब परिवारों से संबंधित होती हैं। इनसे संपर्क कर पहले तो उनके स्वास्थ्य और सुरक्षित यौन संबंधों को बताया जाता है। फिर उन्हें स्वरोजगार या उनकी दक्षता के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास होता है। हमने अब तक करीब 100 से अधिक देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं युवतियों को वापस मुख्य धारा में जोडकऱ रोजगार दिलाने में सहायक बने हैं।

 

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एड्स, टीबी, यौन बीमारियों पर फोकस
अकलेश पटेल बताते हैं कि उनकी संस्था मुख्य रूप से एड्स, टीबी, यौन बीमारियों पर सबसे ज्यादा फोकस करती है। एलजीबीटी के अलावा अन्य लोगों को इनके बचाव और उचित उपायों से अवगत कराया जाता है।

ये विभाग करते हैं सहयोग
महिला एवं बाल विकास, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन विभाग, स्वास्थ्य विभाग के साथ समय समय पर कैंप लगाने और उनके अधिकारों के साथ समाज में स्वीकारोक्ति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जनजागरुकता के कार्यक्रमों व नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से लोगों को उन्हें अपनाने व भेदभाव को खत्म करने की बात की जा रही है।



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