
जबलपुर। कोविड काल में कमाई के खेल में जबलकपुर के लाइफ मेडिसिटी हॉस्पिटल ने बारातघर में दूसरा अस्पताल बना लिया। संक्रमण का कहर बरपने पर अस्पतालों में बिस्तर कम पड़ गए तो लाइफ मेडिसिटी मरीजों को भर्ती करने के लिए बारातघर को कोविड केयर सेंटर घोषित कर दिया। पर्याप्त सुविधा के बिना ही कोविड के मरीज तक भर्ती कर लिए। इसके लिए आवश्यक अनुमति नहीं ली गई। अस्पताल में एक के बाद एक कई मरीजों की मौत से व्यवस्थाएं संदेह के दायरे में आ गई है। कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलाव के दौरान प्रमुख अस्पताल तक मैनपावर की कमी से जूझ रहे थे। उस वक्त हॉस्पिटल ने अलग कोविड केयर सेंटर बनाकर मरीज भर्ती किए। अस्पताल में उपचार कराने वाले मरीजों के परिजन का आरोप है कि अस्पताल में कुशल स्टाफ की कमी है। विशेषज्ञ डॉक्टर कई कॉल के बाद बमुश्किल उपलब्ध होते हैं। कोविड और नॉन कोविड मरीजों की देखभाल के लिए अलग-अलग कर्मी नहीं होने से मरीज परेशान हैं। कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले कई कर्मी ऑक्सीजन फ्लो तक नहीं चेक कर पा रहे है।
कोरोना काल में मरीजों के उपचार में लापरवाही की सबसे ज्यादा शिकायतें लाइफ मेडिसिटी को लेकर है। बताया जा रहा है कि अस्पताल ने किराए का भवन लेकर क्षमता से ज्यादा बिस्तर कर लिए। बढ़ाए गए बिस्तर के लिहाज से स्टाफ डिप्लॉय नहीं किया। इस दौरान कुछ मरीज की मौत के बाद परिजन ने देखभाल और स्टाफ पर असंतोष जताया है। कोरोना से ज्यादा मौत वाले अस्पताल में यह शामिल है। नॉन कोविड मरीजों के उपचार में लापरवाही को लेकर भी शिकायतें पहुंचने पर स्वास्थ्य विभाग ने अब जांच शुरु कर दी है।
लापरवाही का आरोप
-विशाल बैंड के संचालक की मौत के बाद परिजनों ने उपचार में लापरवाही की आरोप लगाया। मोटी फीस वसूलने की शिकायत की।
- कोरोना संकमित एक महिला की मोत के बाद परिजनों ने ऑक्सीजन खत्म होने का आरोप लगाया। शुल्क माफ करके समझौता किया।
- सरकारी योजना के तहत उपचार करा रहे एक कर्मी की मौत के बाद भी उपचार में लापरवाही को लेकर अस्पताल में हंगामा हुआ।
- मंडला जिला निवासी एक युवक की मौत के बाद परिजन ने स्वास्थ्य विभाग को गलत उपचार और लापरवाही की शिकायत की है।
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