Black marketing of kerosene:बेलगाम केरोसिन माफिया, पुलिस अब तक नहीं कर सकी सूचीबद्ध

जबलपुर। केरोसिन माफिया को चिन्हित कर कार्रवाई करने के अभियान सिर्फ कागजों में दिख रहा है। आलम ये है कि शहपुरा से जबलपुर, बरगी और सिहोरा रोड पर दर्जनों ऐसे स्पॉट हैं, जहां धड़ल्ले से टैंकरों से केरोसिन, डीजल, पेट्रोल खाली हो जाता है। सबसे अधिक कालाबाजारी केरोसिन की हो रही है। फिर भी पुलिस की कार्रवाई नाकाफी है। एडीजी कैलाश मकवाड़ा में पुलिस अधीक्षक से मांगे गए 12 श्रेणी के संगठित अपराधियों में केरोसिन माफिया को भी शामिल किया है। पुलिस अभी तक ऐसे संगठित गिरोह की सूची तक तैयार नहीं कर पायी है।
केस-एक
22 नवम्बर 2019 को भेड़ाघाट पुलिस ने अंजनी धाम के पास टैंकरों से चोरी कर बेचे जाने की सूचना पर दबिश दी। मौके से 2600 लीटर डीजल, 500 लीटर पेट्रोल जब्त किया था। वहीं दो टैंकर में 21 हजार लीटर डीजल जब्त किया था। कई वर्षों से यह धंधा जारी था।
केस-दो
16 सितम्बर 2020 को क्राइम ब्रांच और अधारताल की संयुक्त टीम ने करोंदा बायपास स्थित एक दुकान में दबिश दी। वहां से 8200 लीटर केरोसिन ऑयल जब्त किया। 15 दिन पहले ही दूसरी जगह से ये कारोबार यहां शिफ्ट हुआ था। ट्रक ड्राइवर सबसे बड़े खरीददार थे।
केस-तीन
21 सितम्बर को बरगी के रमनपुर के टेढ़वा नाला के पास दो युवकों की लाश मिली। पुलिस ने कडिय़ों को जोड़ते हुए उनके मौत की गुत्थी सुलझायी तो पता चला कि दोनों विशाल चौकसे के ढाबा में अवैध तरीके से केरोसिन भंडारण के लिए बने दो भूमिगत टैंक की सफाई करने के दौरान मरे थे।

Oil companies
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शहपुरा की चार तेल कम्पनियों का डिपो-
जिले के शहपुरा में चार तेल कम्पनियों के डिपो हैं। इनकी क्षमता 90 लाख लीटर प्रतिदिन है। लगभग 300 टैंकर प्रतिदिन केरोसिन के निकलते हैं। टैंकर चालक रास्ते में 50 से 60 लीटर केरोसिन आयल चोरी कर हाइवे किनारे बने ठिकानों पर बेच देते हैं। ये पूरा गोरखधंधा इतना संगठित है कि पुलिस वाले भी कार्रवाई से बचते हैं।
न्यूज फैक्ट-
तेल डिपो-04
क्षमता-90 लाख लीटर
टैंकर-300 प्रतिदिन
एक टैंकर से चोरी होता है-50-60 लीटर
प्रति लीटर चालक को मिलता है-25-30 रुपए
प्रति लीटर बेचते हैं-40-50 रुपए
ये खरीदते हैं-किसान, ट्रक चालक, बस चालक, ट्रैक्टर, डम्पर-हाईवा चालक
यहां होते हैं अवैध धंधे-
शहपुरा-जबलपुर रोड
जबलपुर बरगी रोड
जबलपुर सिहोरा रोड
12 हजार लीटर क्षमता का बनाया था भूमिगत टैंक-
बरगी में रमनपुर में विशाल चौकसे से 12 हजार क्षमता के दो भूमिगत टैंक बनाए थे। टैंकरों से यहां केरोसिन खाली होता था और हाईवे के ट्रक चालक यहां से खरीदते थे। कुछ समय से ये काम बंद था, जिसे फिर से शुरू करने की तैयारी थी।
नीला कलर गायब करने मिलाते हैं केमिकल-
केरोसिन की कालाबाजारी रोकने के लिए ही उसका कलर नीला किया गया है। बावजूद गोरखधंधे में शामिल कुछ संगठित अपराधी इतने पेशेवर हो चुके हैं कि वे केमिकल मिलाकर कलर गायब कर देते हैं। 17 सितम्बर 2019 को एसटीएफ लमती पनागर में ट्रेवल्स संचालक गुरु उपाध्याय के यहां 3200 लीटर केरोसिन जब्त किया था। यहां से केमिकल भी जब्त किया था, जिसे कलर गायब करने केरोसिन में मिलाते थे।
वर्जन-
जिले में तेल माफिया को लेकर पूर्व में सूची तैयार हुई थी। 10 से 12 लोग चिन्हित किए गए हैं। अब नए सिरे से सूची तैयार कराई जा रही है। अधारताल में इसी कड़ी में कार्रवाई हुई थी। जल्द ही अन्य स्थानों पर भी कार्रवाई होगी।
अमित कुमार, एएसपी सिटी



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