
कोरोना की वजह से चल रहे लॉकडाउन के बाद देश में अब अनलॉक की प्रक्रिया जारी है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने 01 अक्टूबर से शुरू हुए अनलॉक- 5 के लिए भी गाइडलाइंस जारी कर दी है। नई गाइडलाइन में 15 अक्टूबर के बाद स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान को खोलने के लिए राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों को छूट दी गई है। केंद्र ने कहा है कि वे परिस्थितियों को देखते हुए फैसला ले सकते हैं। गृह मंत्रालय ने कहा है कि फैसला स्कूल और संस्थानों के प्रबंधन के साथ बात करके लिया जा सकता है। हालांकि, यह साफ किया कि अटेंडेंस के लिए बच्चों को मजबूर नहीं किया जा सकेगा।
9 प्रतिशत पैरेंट्स नजर आए अनिश्चित
कोरोना के बीच स्कूल दोबारा खोलने के लिए अभी भी कई पैरेंट्स पक्ष में नहीं है। एक सर्वे के मुताबिक 71 प्रतिशत पैरेंट्स इस फैसले से खुश नहीं हैं। कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकलसर्कल्स की तरफ से किए गए सर्वे के मुताबिक देश के 71 प्रतिशत माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। जबकि 9 प्रतिशत इसको लेकर अनिश्चित नजर आए। रिपोर्ट में बताया गया कि बच्चों को स्कूलों में भेजने के इच्छुक पैरेंट्स की संख्या अगस्त के 23 फीसदी से घटकर सितंबर में 20 फीसदी हो गई है।
32% पैरेंट्स 31 दिसंबर से स्कूल खोलने के पक्ष में
सर्वे में पता चला कि देश के 32 प्रतिशत अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों को 31 दिसंबर तक खुलना चाहिए, जबकि 34 प्रतिशत ऐसे हैं, जिनका मानना है कि सरकार को इस शैक्षणिक सत्र के लिए स्कूल ही नहीं खोलने चाहिए। वहीं सिर्फ सात फीसदी 1 अक्टूबर से दोबारा स्कूल खोलने के पक्ष में थे। इससे पहले सितंबर में जारी हुए अनलॉक- 4 गाइडलाइन के बाद देश में 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए आंशिक तौर पर स्कूल खोले जा चुके है। हालांकि, स्कूल जाने लिए स्टूडेंट्स के पास पैरेंट्स की परमिशन होनी जरूरी है।
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