
जबलपुर। कोरोना संक्रमण के बीच मुक्तिधामों की देखरेख नगर निगम ने लावारिस छोड़ दी है। रांझी मुक्तिधाम की तो यही स्थिति है। यहां दो शेड में जगह कम पडऩे के कारण लोगों को शवों का दाह संस्कार खुले में करना पड़ रहा है। सोमवार को पानी के बीच अंतिम संस्कार करना पड़ा।
लबालब पानी के बीच करना पड़ रहा अंतिम संस्कार
आसपास कोई दूसरा मुक्तिधाम नहीं
सर्रापीपल के पास स्थित रांझी मुक्तिधाम में शवों के अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिल पा रही है। दो शेड हैं, लेकिन उसमें चार-चार शवों का अंतिम संस्कार किया जा सकता है। अभी की स्थिति में बड़ी संख्या में शव आ रहे हैं।
आसपास कोई दूसरा मुक्तिधाम नहीं है, ऐसे में पूरे रांझी के शव यही लाए जाते हैं। सोमवार को एक ही दिन में अलग-अलग जगह से आठ से अधिक शव मुक्तिधाम लाए गए। अंतिम यात्रा में शामिल लोगों ने बताया कि शेड में जगह नहीं होने के कारण नीचे अंतिम संस्कार किया जा रहा था। लेकिन, वहां भी पानी भरा था। लकड़ी रखी गई तो वह गीली हो गई। ऐसे में दाह संस्कार करना मुश्किल हो गया। लोगों ने बाल्टी और सीमेंट की पट्टी को तोडकऱ पानी निकालने का प्रयास किया।
चारों तरफ अतिक्रमण
रांझी मुक्तिधाम की जमीन पर चारों तरफ अतिक्रमण कर लिया गया है। पक्के घर मुक्तिधाम की जमीन पर बने हैं। स्थिति यह है कि पूरा मुक्तिधाम ही कब्जे की चपेट में आ गया है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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