
जबलपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की घोषणा के बाद प्रदेश के मूर्तिकारों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जबलपुर के मूर्तिकारों ने शारदेय नवरात्र को लेकर मूर्तियों का निर्माण शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि साल भर की कमाई इसी से होती है, लेकिन गणेशोत्सव में मूर्ति न बनाने से घाटा हो गया है। हालांकि शासन की गाइडलाइन के अनुसार ही इनका निर्माण किया जा रहा है। कोरोनाकाल में गणेश उत्सव में सार्वजनिक रूप से गणेश प्रतिमाएं स्थापित नहीं की गईं थीं, लेकिन दुर्गा पूजा उत्सव में पंडालों में दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगीं।
आकार ले रहीं मां दुर्गा प्रतिमाएं, बीते वर्षों की तुलना में कम संख्या और कम ऊंचाई की निर्मित की जा रहीं मूर्तियां
प्रदेश सरकार की अनुमति के अनुसार दुर्गा प्रतिमा स्थापना के साथ पंडाल भी रहेंगे और झांकी भी सजेंगी। दुर्गोत्सव में अब महज डेढ़ माह बाकी है। इसे देखते हुए दुर्गोत्सव की तैयारी के लिए प्रतिमाओं का निर्माण कार्य जोरों पर है। जिले का ऐतिहासिक दुर्गोत्सव इस वर्ष कुछ फीका ही रहने की उम्मीद है। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर शहर की बड़ी दुर्गोत्सव समितियों ने अत्यधिक साज-सज्जा नहीं करने का मन बना लिया है। मूर्तिकार मां आदिशक्ति की प्रतिमाएं बना रहे हैं, लेकिन वे भी निश्चित संख्या में व कम ऊंचाई की हैं।
परम्परा रखेंगे कायम
शहर के खेरमाई, शीतलामाई क्षेत्र के मूर्तिकारों को लोगों ने कम ऊंचाई की प्रतिमाएं बनाने के ऑर्डर दिए हैं। कई समितियों ने पहले ही तय कर लिया था कि वह अपनी परम्परा नहीं तोड़ेंगे और माता की प्रतिमाएं स्थापित करके पूजा जरूर करेंगे, लेकिन वह सार्वजनिक नहीं होगी। गौरतलब है कि शहर में करीब 500 छोटी बड़ी दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं।
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