
ऑपरेटर्स ने तोड़ा वादा, बसें शुरू नहीं होने से यात्री हुए हलाकान
कारोबारी, मजदूर और नौकरीपेशा ज्यादा परेशान
जबलपुर. एक सितंबर से बसों का संचालन शुरू किया जाना था। बस ऑपरेटर्स ने यह आश्वासन शासन-प्रशासन को दिया था, लेकिन बुधवार को वे अपने वादे से मुकर गए। एक भी बस शुरू नहीं की गई। इस कारण यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। एक सितंबर से बसों का संचालन शुरू होने की जानकारी पर कई यात्री आइएसबीटी पहुंच गए थे, जिन्हें लौटना पड़ा।
सामान्य दिनों में बसों का गणित
शहर से बसों का संचालन:- 800
प्रतिदिन यात्रा करने वाले यात्री:- 4000
शासन से बातचीत के बाद निर्णय
22 मार्च को लॉक डाउन किया गया। जिसके बाद बसों का संचालन बंद कर दिया गया। अनलॉक में बसों के संचालन की छूट प्रशासन ने दी। लेकिन ऑपरंेटर्स बसों का संचालन शुरू करने के लिए राजी नहीं हुई। उनका कहना था कि टैक्स माफ किया जाए और किराया बढ़ाया जाए। शासन ने आश्वासन दिया, इसके बावजूद बसों का संचालन ऑपरेटर्स ने नहीं शुरू किया।
किराए में जा रही आधी मजदूरी
मजदूरों को भी बसों के बंद होने के कारण परेशानी झेलनी पड़ रही है। शहर में दमोह, सागर, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट और अमरकंटक से मजदूर आते हैं। उनकी मजदूरी की आधी कमाई किराए में ही जा रही है। बसों के बंद होने के कारण वे छोटे वाहनों से आना-जाना कर रहे हैं।
छोटे व्यापारियों पर भी पड़़ रहा असर
बसों के बंद होने का नुकसान छोटे व्यापारियों समेत नौकरीपेशाा पर भी पड़ रहा है। जो रोजाना विभिन्न शहरों से जबलपुर आते और यहां से आसपास के जिलों में जाते थे। बसों के बंद होने के कारण एेसे लोगों के सामने रोजी रोटी का खतरा खड़ा हो गया है।
वर्जन
बसों का संचालन एक सितंबर से करने का आश्वासन बस ऑपरेटर्स ने दिया था। सारी व्यवस्थाएं कर लीं गई थीं, लेकिन ऑपरेटर्स ने बसें शुरू नहीं की।
संतोष पॉल, आरटीओ
शासन ने टैक्स माफ करने और किराया बढ़ाने का आश्वासन तो दिया है, लेकिन इसका कोई नोटिफीकेशन जारी नहीं किया गया। जब तक नोटिफिकेशन नहीं आता, तब तक संचालन नहीं होगा।
नसीम बेग, कोषाध्यक्ष, आईएसबीटी बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन
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