
जबलपुर। शहर में कोरोना संक्रमण के लगातार फैलाव के बीच मृत्यु दर में वृद्धि दर्ज की गई है। मई माह के बाद अगस्त में कोविड डेथ रेट सबसे ज्यादा बढ़ा हुआ है। इसका अनुमान इससे भी लगा सकते हैं कि कोरोना की दस्तक के बाद पांच माह में हुई कुल मौतों में करीब 66 प्रतिशत मौतें अगस्त माह में हुई हैं। मृत्यु दर के मामले में शहर और प्रदेश के औसत के बीच ज्यादा फासला नहीं रह गया है। अब औसतन प्रतिदिन दो व्यक्तियों की कोरोना से मौत के चलते शहर का औसत प्रदेश के करीब पहुंचने को है।
शहर में पांच माह में कोरोना से हुई कुल मौतों में आधी से अधिक सिर्फ अगस्त में
शहर में एक पखवाड़े में हर दिन सौ से ज्यादा कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमितों की मौत की संख्या भी बढ़ी है। शहर में अब तक करीब 4300 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से 85 संक्रमितों की मौत हुई है। आंकड़ों के लिहाज से राजधानी भोपाल में शहर के मुकाबले अभी तक करीब ढाई गुना कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। भोपाल में 293 व्यक्तियों की कोरोना से मौत दर्ज की गई है। कोरोना संक्रमितों को मौत से बचाने के मामले में शहर के मुकाबले ग्वालियर की स्थिति बेहतर है। वहां शहर के मुकाबले करीब सवा हजार ज्यादा पॉजिटिव केस होने के बाद भी मृत्यु दर काफी नीचे है।
ज्यादा उम्र वालों को लौटा रहे निजी अस्पताल
कोरोना संक्रमण के मामले बढऩे के साथ शहर में निजी अस्पतालों की मनमानी भी उजागर हुई है। हॉस्पिटल में डेथ काउंट से बचने के लिए ज्यादातर निजी अस्पताल कोरोना संक्रमित वरिष्ठ नागरिकों को भर्ती नहीं कर रहे हैं। उन्हें मेडिकल कॉलेज या दूसरे अस्पताल का रास्ता दिखाया जा रहा है। इससे उनका समय पर इलाज शुरू नहीं हो पाता।
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