पुलिस अधिकारी का जाति प्रमाण-पत्र निरस्त करने सरकार ने जारी किया नोटिस, जानें पूरा मामला

जबलपुर। हाइकोर्ट मे राज्य सरकार ने बताया कि सागर के पूर्व एसपी व मप्र पुलिस के अधिकारी रघुवीर सिंह मीणा का जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने का आदेश जारी करने के पूर्व उन्हें नोटिस तामील किया गया था। चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस सुजय पॉल की डिवीजन बेंच ने नोटिस तामीली के सम्बंधित दस्तावेज रेकॉर्ड पर ले लिए। अगली सुनवाई 9 सितम्बर को होगी।

हाइकोर्ट में सरकार ने बताया- मीणा का जाति प्रमाण-पत्र निरस्त करने का नोटिस हुआ था तामील

विदिशा से मिला था प्रमाण-पत्र
मीणा ने जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने को सही ठहराने वाले हाइकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले को अपील के जरिए चुनौती दी है। अपील में कहा गया कि 1984 में एमपीपीएससी के जरिये वे मप्र पुलिस में डीएसपी चयनित हुए। जाति छानबीन के बाद 1986 में उन्हें नियुक्ति दी गई। 1983 मे विदिशा जिले से उनका जाति प्रमाणपत्र बनाया था। शिकायत होने पर छानबीन समिति ने जांच के बाद कार्रवाई करते हुए 16 नवम्बर 2015 को याचिकाकर्ता का जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया। इस आदेश को मीणा ने हाइकोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने छानबीन समिति द्वारा याचिकाकर्ता का जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाकर निरस्त करने के उक्त आदेश को सही करार दिया। इसी फैसले के खिलाफ यह अपील पेश की गईं। बुधवार को सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेंद्र यादव ने कोर्ट को बताया कि इसके लिए अपीलकर्ता को विधिवत नोटिस दिया गया। इसे रेकॉर्ड पर लेकर कोर्ट ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।



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