
जबलपुर। कॉलेजों के प्रदर्शन का मूल्यांकन अब परफार्मेंस इंडिकेटर (पीआई) के आधार पर किया जाएगा। इसी के आधार पर ही कॉलेजों को विभिन्न परियोजनाओं के लिए बजट जारी किया जाएगा। पीआई इंडीकेटर में खरे उतरने वाले कॉलेजों को अलग कैटेगरी में रखा जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग की इस तैयारी से अब कॉलेजों को पहले से ज्यादा कड़ी मेहनत करनी होगी। सूत्रों के अनुसार इसके लिए 13 प्रकार के परफारमेंस इंडीकेटर के मानक तय किए गए हैं। पिछली तिमाही पर क्रय की गई सामग्री उपकरणों का कमीशनिंग एवं उपयोग, फंक्शनल प्लेसमेंट सेल द्वारा एल्युमिनाई मीट, छात्र डेटा बेस का प्रबंधन, प्लेसमेंट ड्राइव का संचालन, शैक्षणिक विशेषज्ञों, शिक्षा और औद्योगिक दौरे, छात्र सहायता गतिविधियां जैसे माक टेस्ट, कॅरियर काउंसलिंग आदि के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा।
बजट पर चलेगी कैंची
उच्च शिक्षा विभाग का मानना है कि कॉलेजों को राशि जारी करने के बाद भी यदि गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है तो फिर कॉलेजों का बजट रोका जाए या इसे सीमित किया जाए। रानी दुर्गावती विवि के अंतर्गत 26 कॉलेज पीआई के दायरे में लाए गए हैं। जिले के कॉलेजों में शासकीय ऑटोनामॅस महाकोशल ऑट्र्स एवं कामर्स कॉलेज, गर्वमेंट ऑटोनॉमस साइंस कॉलेज, गर्वमेंट गल्र्स कॉलेज रांझी, शासकीय मानकुंवरबाई आट्र्स एवं कामर्स कॉलेज, गर्वमेंट कॉलेज सिहोरा, गर्वमेंट कॉलेज पनागर शामिल हैं। इसके अलावा मंडला, डिंडोरी, कटनी, नरसिंहपुर से भी कॉलेजों को दायरे में लाया गया है।उच्च शिक्षा में ओएसडी डॉ. रंजना मिश्रा ने बताया कि कॉलेजों की गुणवत्ता सुधारने के प्रयास को लेकर यह तैयारी की जा रही है। कॉलेजों के अब ओवर ऑल इम्प्रूवमेंट करना होगा। अध्ययन के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर, गुणवत्ता आदि पर भी ध्यान देना होगा।
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