
जबलपुर. एक तरफ पूरा जिला कोरोना महामारी की गिरफ्त में है। ऐसा कोई कोना नहीं बचा जहां कोरोना का संक्रमण न हो। बावजूद इसके कलेक्ट्रेट में रोजाना आमजन यानी कमजोर तबके की भीड़ लग रही है। दरअसल उनके लिए प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट दिशा निर्देश ही नहीं है। ये वो जरूरतमंद हैं जो अपना बीपीएल कार्ड बनवाने के लिए आ रहे हैं। यह दीगर है कि इनका काम भी नहीं हो रहा है। ऐसे में लोगों का कहना है कि अगर बीपीएल कार्ड इस वक्त नहीं बनाए जा रहे हैं तो प्रशासन की ओर से इस संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश तो जारी होना ही चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है जिससे लोगों का रोजाना आना-जाना हो रहा है।
एक काम के लिए लोग रोजाना आ रहे हैं, काम न होने से उन्हें परेशानी भी उठानी पड़ रही है और कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बना रह रहा है सो अलग। लिहाजा कई नागरिकों का कहना है कि अगर कोरोना काल में राशन कार्ड नहीं बनना है तो यह पब्लिक को बता दिया जाना चाहिए ताकि लोग नाहक दूर दराज से कलेक्ट्रेट तक आने से बचें। घरों में रहें और कोरोना से खुद को तथा आसपास के लोगों को भी बचाएं।
लेकिन ठीक इसके विपरीत लोग लगातार कलेक्ट्रेट पहुंच रहे हैं, जहां देह से दूरी का मानक भी टूट रहा है। लोगों का कहना है कि कुछ लोग कार्ड बनवाने पहुंच रहे हैं तो कुछ ऐसे हैं जिन्होंने कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन व पैसा जमा किया है वो पात्रता पर्ची लेने के लिए आ रहे हैं। वो कहते हैं कि अगर प्रशासन की ओर से यह घोषित कर दिया जाए कि कोरोना काल में क्या काम होंगे और कौन से काम नहीं होंगे, तो लोग अनावश्यक भीड़ नहीं लगाएंगे।
अधिवक्ताओं का कहना है कि जब बीपीएल राशन कार्ड के आवेदनों पर किसी तरह का निर्णय नहीं लिया जा रहा तो आवेदन जमा कराने पर भी रोक लगनी चाहिए। सिर्फ लोकसेवा केंद्र में जमा होने वाले आवेदनों की राशि के प्राप्त की जा रही है, क्योंकि आवेदन जमा कराने वाले बार-बार कलेक्टर कार्यालय के अलावा एसडीएम कार्यालयों में आकर पूछताछ भी करते हैं, जिससे भीड़ कम करना मुश्किल हो रहा है।
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