कोरोना को हराने में जबलपुर नंबर वन, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर को पीछे छोड़ा

जबलपुर। कोरोना से जूझ रहे शहर को संक्रमण के नए ट्रेंड ने राहत दी है। कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच सात दिन में लगातार नए कोरोना मरीजों के मुकाबले स्वस्थ्य होने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। 23 से 29 सितंबर के दौरान नए कोविड केस घटे हैं। वहीं, डिस्चार्ज होने वाले कोरोना केस अपेक्षाकृत ज्यादा बने हुए हैं। कोरोना को हराकर अस्पतालों से बाहर आने वाले मरीजों का आंकड़ा ज्यादा होने से रेकवरी रेट तक के सबसे बेहतर स्थिति में पहुंच गया है। नए संक्रमित और स्वस्थ्य होने वाले कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से रिवकरी रेट के मामले में शहर प्रदेश से भी आगे निकल गया है। प्रदेश में कोरोना रिकवरी रेट 81.27 प्रतिशत है। जबकि जबलपुर में कोविड रिकवरी टेस्ट 85.11 प्रतिशत है।

शहर में कोरोना को हराने वाले बढ़े : डिस्चार्ज होने वाले मरीजों का प्रदेश से भी ज्यादा औसत

 

coronavirus recovery rate in mp, jabalpur top against bhopal, indore gwalior

एक्टिव केस में भी कमी आई
शहर में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट बढऩे के साथ ही नए संक्रमित मिलने की दर भी घटी है। सितंबर माह की शुरुआत में प्रतिदिन मिलने वाले नए कोरोना मरीजों का औसत दो सौ पार था। माह के दूसरे पखवाड़े के शुरुआती हफ्ते में यह औसत बढकऱ ढाई सौ पहुंच गया था। लेकिन आठ दिन में सात बार दो सौ से कम नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। नए कोविड-19 पॉजिटिव केस कम होने, रिकवरी रेट बढऩे का सीधा असर कोरोना एक्टिव केस की संख्या पर पड़ा है। छह दिनों से लगातार कोरोना एक्टिव केस कम हो रहे हैं।

व्यवस्था में बदलाव से सुधार
जिले में कोरोना को काबू करने में स्वास्थ्य विभाग के पूरी तरह फेल होने पर प्रशासनिक फेरबदल के बाद तेजी से उठाए गए कुछ कदम से कोविड उपचार व्यवस्था में सुधार आया है। एक पखवाड़े में कोरोना मरीजों के उपचार में आड़े आ रहे ऑक्सीजन बेड की संख्या तेजी से बढ़ी है। आइसीयू बेड बढ़ाने की कवायद हुई है। मेडिकल कॉलेज में कोविड वार्ड के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज पब्लिक डोमेन में दिए जाने से पारदर्शिता की शुरुआत हुई है। निजी अस्पतालों की निगरानी बढ़ाने से मरीजों को लौटाने की शिकायत में कमी आयीं है। प्रतिदिन जानकारी अपडेट किए जाने से किसी मरीज को भर्ती करने के लिए प्रमुख अस्पताल में खाली बिस्तर की जानकारी लेना आसान हुआ है। हालांकि कोरोना जांच से लेकर फीवर क्लीनिक का कार्य अभी भी पटरी पर नहीं है।

 

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कोरोना संक्रमण होने पर लापरवाही बरतना घातक होता है। यदि मरीज समय पर अस्पताल पहुंच रहा है तो वह स्वस्थ्य हो रहा है। विशेषकर किसी गम्भीर बीमारी से पीडि़त और 60 से ज्यादा आयु वालों को संदिग्ध लक्षण पर बिल्कुल भी देर नहीं करना चाहिए। ज्यादातर मरीज अब जल्दी भर्ती हो रहे है, तो डिस्चार्ज भी जल्द हो रहे हैं।
- डॉ. संजय भारती, कोविड आइसोलेशन इंचार्ज, मेडिकल कॉलेज


कोरोना संक्रमित होने वाले ज्यादातर व्यक्तियों को सामान्य लक्षण होता है। सावधानी रखकर, समय पर जांच करा ली जाएं और उपचार प्रारंभ कर दें तो जल्द ही कोरोना से ठीक हो जाते है। मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग सहित कुछ सामान्य सी सावधानियां यदि सभी लोग रखें तो, कोरोना संकट पर आसानी से विजय प्राप्त कर सकते हैं।
- डॉ. राजेश तिवारी, अधीक्षक, मेडिकल अस्पताल



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