
जबलपुर। महाराष्ट्र से लिक्विड की आपूर्ति रुकने से गहराया ऑक्सीजन का संकट फिलहाल टल गया है। छत्तीसगढ़ से आए लिक्विड के टैंकर से रिफलिंग सेंटर में काम शुरू होने से शुक्रवार को अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारू हो गई। चार से पांच महीने के मुकाबले अभी अस्पतालों में तीन से चार गुना तक ज्यादा ऑक्सीजन की खपत हो रही है। गम्भीर कोरोना मरीजों को लगातार ऑक्सीजन की जरूरत बनी हुई है। महाराष्ट्र से अचानक आपूर्ति रोके जाने के बाद भिलाई से लिक्विड का एक टैंकर शहर को मिला है। इसके मिलने से लिक्विड की कमी से जूझ रहे रिफलिंग सेंटर के काम ने रफ्तार पकड़ ली है। इससे ऑक्सीजन की किल्लत फिलहाल खत्म हो गई है।
एक टैंकर से करीब डेढ़ हजार सिलेंडर-
शहर में एक ही एयर सेपरेशन सेंटर है। उसकी क्षमता प्रतिदिन करीब सौ सिलेंडर के उत्पादन की है। भिलाई से मिले लिक्विड टैंकर के बाद एक रिफलिंग सेंटर ने भी पूरी क्षमता से काम शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है इस सेंटर में प्रतिदिन करीब पांच सौ तक सिलेंडर रिफिल किए जा सकते हैं। एक टैंकर में करीब सात टन लिक्विड होती है। इससे करीब डेढ़ हजार सिलेंडर रिफिल किए जा सकते हैं। सेपरेशन और रिफलिंग सेंटर दोनों के काम करने से मेडिकल कॉलेज सहित अन्य सरकारी और प्राइवेट अस्पताल को प्राथमिकता के हिसाब से ऑक्सीजन की सुचारू आपूर्ति हो रही है।
छत्तीसगढ़ से एक टैंकर लिक्विड ऑक्सीजन शहर पहुंच चुकी है। रिफलिंग सेंटर भी अब पूरी क्षमता से काम कर रहा है। मांग के अनुसार ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहे है।
- देवव्रत मिश्रा, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र
निजी एजेंसियों से भी सप्लाई
शहर के कुछ प्राइवेट अस्पताल ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए निजी एजेंसी के जरिए भी आपूर्ति का प्रयास कर रहे है। कोरोना काल में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए कलेक्टर कर्मवीर शर्मा लगातार व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। अधिकारियों को सामंजस्य बनाकर प्राथमिकता के अनुसार अस्पतालों की ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुचारु बनाए रखने का निर्देश दिया है।
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