मेडिकल यूनिवर्सिटी से दलित अधिकारी को बिना कारण बताए बाहर निकाला

जबलपुर। अनुसचित जाति जनजाति अखिल भारतीय परिसंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय झारिया ने जानकारी दी है कि मेडिकल विश्वविद्यालय में अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला सुनीता देवड़ी सहायक कुलसचिव को बगैर कारण बताये निराधार आरोप लगाकर रिलीव कर दिया। उनके द्वारा प्रमाण मांगने पर विश्वविद्यालय कुलपति चुप्पी साधे हैं। कारण कि उनके पास लिखित में कोई प्रमाण नहीं है। परीक्षा के संचालन का कार्य और पूर्ण जिम्मेदारी परीक्षा नियंत्रक की होती है। साथ ही एक उपकुलसचिव खरे को भी इसी प्रकार रिलीव किया है। कुलपति के परिसंघ इस कार्य की निंदा करता है शासन से इस प्रकार के तरफा को निरस्त करने की मांग करता है। अजय झारिया, प्रदेश उपाध्यक्ष, परिसंघ, जगदीश नन्हेट बौद्ध, महासचिव, सुखदीन कटारे, अनिल धनगर, लक्ष्मी नारायण गौड़, सुखदेव झारिया।

कुलपति के इस कार्य की परिसंघ निंदा करता है तथा म.प्र.शासन से इस प्रकार एकतरफा रिलीव आदेश को निरस्त करने की मांग करता है। एम यू ने परीक्षा में विलंब पर दो अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त की - मूल विभाग के लिए रिलीव किया, अधिकारियों ने अचानक कार्रवाई और विलंब पर विश्वविद्यालय से प्रमाण मांगा है।

 

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मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा विभाग से आए उप कुलसचिव सुनील खरे और सहायक कुलसचिव सुनीता देवड़ी की मंगलवार को प्रतिनियुक्ति समाप्त करते हुए मूल विभाग में भेजने के आदेश जारी किए. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी आदेश में परीक्षा में विलंब और विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितता के चलते दोनों अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त करना कारण बताया गया है यह आदेश जैसे ही संबंधित अधिकारियों के हाथ आया असंतोष फैल गया महिला अधिकारी ने आदेश मिलते ही विश्वविद्यालय प्रशासन से उन पर अनियमितता संबंधी आरोपों का प्रमाण मांगा। बिना किसी प्रमाण और नोटिस के अचानक की गई कार्यवाही को नियम विरुद्ध बताया विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से चिकित्सा शिक्षा मंत्री के मौखिक निर्देश पर दोनों अधिकारियों को मूल विभाग में तत्काल प्रभाव से भेजे जाने के निर्देश जारी करने की जानकारी दी विश्वविद्यालय प्रशासन के जवाब से अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए। इसे लेकर तनातनी बनी रहे। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ टीएन शुक्ला के अनुसार मंत्री के मौखिक निर्देश पर दो अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति सेवा समाप्त कर उन्हें उनके मूल विभाग में जाने के निर्देश जारी किए गए हैं दोनों अधिकारियों को शिक्षा विभाग के लिए रिलीव कर दिया गया है



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