हिंदी में भी सीख सकते हैं कोडिंग, बच्चे भी बना रहे हैं रोबोट

सोशल मीडिया हो या फिर विज्ञापन की दुनिया, इस समय सभी जगह कोडिंग की बात हो रही है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी में भी सिक्स्थ क्लास से ही कोडिंग सीखने का निर्णय लिया गया है, ऐसे में इस समय बच्चों का कोडिंग सीखने में खास रुझान देखने को मिल रहा है। स्टूडेंट्स समझ गए हैं कि टेक्निकल वर्ल्ड में पहचान बनानी है तो कोडिंग सीखना बेहद जरूरी है। दूसरी ओर आईटी टीचर्स के लिए सुनहरे अवसर खुल गए हैं कई ऑनलाइन टीचिंग प्लेटफॉर्म टीचर्स को मोटी सैलेरी दे रहे हैं।

क्या है कोडिंग
कोडिंग प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, जिसका यूज ऐप्स, वेबसाइट और सॉफ्टवेयर डवलप करने के लिए किया जाता है। पायथन कोडिंग को सबसे ज्यादा प्रिफरेंस मिल रही है, क्योंकि यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में काम में आ रही है। स्टूडेंट्स इससे रोबोट्स तैयार कर रहे हैं।

बच्चे बना रहे हैं ऐप
अब टेक्नोलॉजी के बिना जीवन ही असंभव लगने लगा है। ऐसे में आईटी की भाषा को समझना बेहद जरूरी है। कोडिंग प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसके जरिए ऐप, सॉफ्टवेयर तथा वेबसाइट क्रिएट की जाती है। इन दिनों स्टूडेंट्स विभिन्न तरह की कोडिंग सीख रहे हैं। कुछ कोडिंग कोर्सेज तो बच्चों के लिए फ्री में भी उपलब्ध हैं। लॉकडाउन के बाद से ही स्टूडेंट्स में कोडिंग के क्रेज बढ़ गया है।

आसानी से आ जाती है ब्लॉक कोडिंग
पांचवी कक्षा का बच्चा भी आसानी से कोडिंग सीख सकता है। बच्चों के लिए ब्लॉक कोडिंग आसान होती है। फिर 12वीं में आते-आते वह पायथन कोडिंग सीखने लगता है। यह प्रोफेशनल वेबसाइट और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में भी काम आती है। कोडिंग के लिए इंग्लिश लैंग्वेज आना जरूरी नहीं है। कोडिंग अब रीजनल लैंग्वेज में भी होने लगी है। ऐसे में बच्चों के लिए यह काफी आसान भी हो गई है।



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