बड़े ढीठ हैं यहां के जिम्मेदार! कोरोना कहर के बीच अव्यवस्थाएं भी जान ले रही हैं, लेकिन लापरवाही की जांच कमेटियों तक सीमित

जबलपुर। कोरोना के मरीजों के इलाज में हुई लापरवाही की जांच में भी जबलपुर शहर के जिम्मेदार अफसर बेपरवाही कर रहे हैं। कोरोना से जंग में मरीजों की शिकायत सुनकर कमियों को दूर करने के बजाय लापरवाही पर लीपापाती की जा री है। इसमें मेडिकल के कोविड केयर सेंटर की दूसरी मंजिल से मरीज के कूदकर आत्महत्या करने का मामला, मेडिकल में लापरवाही का आरोप लगाने वाले आरआई की मौत का मामला, उद्योग विभाग के संयुक्तसंचालक को कोराना पॉजिटिव पाए जाने के बाद शैल्बी हॉस्पिटल से जबरन डिस्चार्ज किए जाने के मामले में अब तक जांच शुरू नहीं हुई। तीनों मामले में प्रशासन ने कमेटी गठित करने में तत्परता दिखाई, लेकिन जांच शुरू नहीं हुई। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने वाले कोरोना मरीज से सम्बंधित मामले की जांच भी शनिवार को शुरू नहीं हुई। मृतक के परिजन का कहना है कि उन तक प्रशासन की ओर से कोई नहीं आया। इधर, मृतक के पुत्र ने हादसे से पहले पिता के फोन पर आए कॉल की जांच की मांग की है। बेटे ने सवाल उठाते हुए कहा कि घटना के बाद मेडिकल के अधिकारियों ने बताया कि सुबह किसी का फोन आया था। उसने मरीज को रिश्तेदारी में मौत की जानकारी दी। उसके बाद घटना हुई। जबकि पिता के फोन की कॉल हिस्ट्री में कोई भी अननोन फोन कॉल नहीं है। उनके किसी रिश्तेदार के साथ दुखद घटना नहीं हुई है।

आरआई की मौत में भी जांच नहीं

शैल्बी हॉस्पिटल ने उद्योग विभाग के एक अधिकारी को कोरोना संक्रमित पाए जाने पर आधी रात को अस्पताल से बाहर कर दिया था। बिना ऑक्सीजन वाली एम्बुलेंस में जबरन दूसरे अस्पताल में भेजने और उपचार में देर से संयुक्त संचालक की सेहत बिगड़ गई। गम्भीर हालत में मेडिकल में भर्ती कराए जाने के बाद उपचार के दौरान अधिकारी की मौत हो गई। इस मामले में परिजन ने शैल्बी हॉस्पिटल प्रबंधन के विरुद्ध कई गम्भीर और मनमानी के आरोप लगाए हैं। लेकिन, मामले की जांच कमेटी के आदेश तक सिमटकर रह गई। मेडिकल के कोविड केयर सेंटर में भर्ती एक आरआई की भी शुक्रवार को मौत हो गई।मौत के पहले आरआई ने अपने साथियों सहित रांझी एसडीएम को वीडियो भेजे थे। इसमें लापरवाही व इलाज नहीं मिलने का उल्लेखहै। इस मामले में आरआई व पटवारियों ने कलेक्टर से जांच की मांग को लेकर मुलाकात की थी पर अब तक जांच नहीं हुई।



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