
जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि बिजली लाइन सुधार के दौरान असावधानी के चलते इलेक्ट्रिशियन की मौत के लिए इलाके के लाइनमैन को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। जस्टिस अतुल श्रीधरन की कोर्ट ने इस मत के साथ आरोपी लाइनमैन को जमानत व पर्सनल बांड पर रिहा करने के निर्देश दे दिए। लवकुश नगर, छतरपुर निवासी रामेश्वर प्रसाद गुप्ता की ओर से अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार शुक्ला ने जमानत की अर्जी पेश कर तर्क दिया कि आवेदक के खिलाफ पुलिस ने भादवि की धारा 304 के तहत अपराध दर्ज किया। जबकि इस तरह के मामलों में नियमानुसार अधिक से अधिक धारा 304 (ए) का प्रकरण बनता है। जिस जगह पर प्रायवेट इलेक्ट्रिीशियन दुर्घटना का शिकार हुआ, वहां आवेदक पदस्थ नहीं है। कायदे से बिजली लाइन सुधार के समय स्विच ऑन किए जाने की गलती की जांच कराई जानी चाहिए थी। बिना यह प्रक्रिया अपनाए आवेदक के खिलाफ अपराध कायम कर लिया गया। वह एक शासकीय कर्मी है और उसके फरार होने की कोई आशंका नहीं है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अर्जी मंजूर कर ली।
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