
जबलपुर। मेडिकल के दूसरी मंजिल से कूद कर आत्महत्या करने वाले कोविड संक्रमित प्रमोद सोनकर (67) के मामले में बेटे ने बड़ा आरोप लगाया है। इकलौते बेटे भरतीपुर निवासी मोहित सोनकर का दावा है कि एक सितम्बर से सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती हुए पिता को सही तरीके से इलाज नहीं मिल पा रहा था। वेंटीलेटर पर होने के बावजूद मास्क तक अलग हो जाता था। कोई उसे लगाने नहीं जाता था। गुरुवार को एक घंटे तक वह पिता के पास रहा। शुक्रवार सुबह भी पौने दस बजे पिता से आखिरी बार बात हुई थी, तब भी उन्होंने मेडिकल से निकालने के लिए कहा था। बोला था कि यहां इलाज नहीं हो रहा है। मुझे मार डालेंगे। बेटे मोहित ने बताया कि मेरे परिवार या रिश्तेदारी में कोई गमी नहीं हुई। जबकि मेडिकल के डीन द्वारा बताया गया कि आत्महत्या से पहले उनके मोबाइल पर किसी का ऐसा कॉल आया था। उसने मोबाइल कॉल डिटेल की भी जांच कराने की मांग की।

पिता के लिए भोजन लेकर पहुंचा तो मिली जानकारी-
रेलवे में ठेकेदारी करने वाले बेटे मोहित के मुताबिक वह दोपहर 12.30 बजे के लगभग पिता के लिए भोजन लेकर वार्ड में पहुंचा तो बताया गया कि आपका पेशेंट यहां नहीं है। इसके बाद मुझे आत्महत्या के बारे में बताया गया। पापा के कहने के बावजूद मैं उन्हें मेडिकल से नहीं निकाल पाया, नहीं तो मेरे पापा जिंदा होते। मेडिकल में कोविड मरीजों के इलाज में की जा रही बदइंतजामी ने मेरे पापा की जान ली है।
2013 में सिवनी से हुए थे रिटायर-
प्रमोद सोनकर 2013 में सिवनी कलेक्ट्रेट से कार्यालय अधीक्षक के पद से रिटायर हुए थे। परिवार में इकलौते बेटे मोहित के अलावा तीन बेटियां हैं। दो की शादी कर चुके हैं। छोटी बेटी भानू प्रिया सोनकर अभी अविवाहित है। पत्नी संध्या सोनकर को इस हृदय विदारक घटना की जानकारी हुई तो वह बेसुध हो गईं। पूर्व पार्षद एवं भांजा वीरेंद्र सोनकर ने भी इस आत्महत्या के लिए मेडिकल में व्याप्त कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।

कलेक्टर ने जांच समिति गठित की-
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने मेडीकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में घटित घटना की विस्तृत जांच के आदेश जारी किये हैं। शर्मा ने जांच के लिए अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम गठित किया है। टीम में मेडीकल कॉलेज के डीन डॉ. प्रदीप कसार, मनोचिकित्सक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रत्नेश कुररिया और मेडिकल कॉलेज के कोविड प्रभारी डॉ. संजय भारती को शामिल किया गया है। जांच दल को दो दिनों में घटना के सभी पहलुओं की जांचकर तथ्यात्मक प्रतिवेदन देने तथा इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो इस हेतु सुझाव देने के निर्देश कलेक्टर ने दिये हैं।
हादसे के बाद कलेक्टर-एसपी पहुंचे कोविड वार्ड-
हादसे के बाद रात में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने अन्य अधिकारियों के साथ कोविड सेंटर पहुंचे। मरीजों से बात की। फिर डीन के साथ बैठक कर वार्ड की समस्याओं पर चर्चा की। वार्ड ब्वाय से फीडबैक लेकर मरीजों की काउंसलिंग और मनोचिकित्सक से भी मदद लेने का निर्णय लिया गया।

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