
जबलपुर। रेलवे की आउटसोर्सिंग कम्पनी के कुछ लोगों ने युवाओं को काम दिलाने लिए 30 से 40 हजार रुपए लिए। उनसे ढाई महीने काम भी कराया। फिर निकाल दिया। पीडि़त युवक एक आरोपी को पकड़ कर गुरुवार को सिविल लाइंस थाने ले गए। पीडि़त युवकों ने मामले में नामजद शिकायत की है। पुलिस के अनुसार ग्वारीघाट पोलीपाथर निवासी योगराज उर्फ योगी अन्ना ने बताया कि रेलवे में डाटा एंट्री का काम आउटसोर्स कम्पनी से लिया जाता है। सितम्बर 2019 में कम्पनी के सुपरवाइजर और अधिकारियों से उसकी मुलाकात हुई थी। अधिकारियों ने कहा कि कम्पनी को पांच साल का ठेका मिला है। वे डाटा एंट्री के तौर पर उसे नियुक्ति दे सकते हैं। हर महीने 21 हजार रुपए वेतन देने की भी बात कही। इसके एवज में 30-40 हजार देने होंगे।

अधिकारियों ने योगराज से कहा कि वह अपने साथ अन्य युवकों को लाए तो उसे पैसे नहीं देने पड़ेंगे। योगराज ने अजय साहू, मयंक चौरसिया, अभिषेक चक्रवर्ती, रोहित अहिरवार, अंकित उपाध्याय, अतुल तिवारी, आदित्य शर्मा व सुरेंद्र कोरी से बात की तो सभी तैयार हो गए। सभी ने लगभग तीन लाख रुपए जोड़ कर दिए। सभी से ढाई महीने काम कराया। इस बीच पैसे लेने वाले अधिकारियों का मुम्बई तबादला हो गया। नए अधिकारियों ने सभी से फिर पैसों की मांग की। पीडि़त युवक गुरुवार को ठगी करने वाले कटनी निवासी एक व्यक्ति को पकड़ कर सिविल लाइंस थाने ले गए। आउटसोर्स कम्पनी का कार्यालय प्लेटफार्म-एक के लॉबी की ओर है। कंट्रोल ऑफिस डीआरएम कार्यालय के बगल में है। सिविल लाइंस टीआई शफीक खान के अनुसार रेलवे की आउटसोर्स कम्पनी में डाटा एंट्री के नाम पर जॉब दिलाने के एवज में कुछ युवकों से पैसे लेने की शिकायत मिली है। पीडि़त एक व्यक्ति को पकड़ कर थाने लाए थे।
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