
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में शहर में जलप्लावन की आशंका से निपटने के लिए याचिकाकर्ता की ओर से गुरुवार को प्लान पेश कर दिया गया। चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने नगर निगम को इस प्लान पर अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दे दी। अगली सुनवाई 16 सितम्बर तय की गई।
हाईकोर्ट में शहर के जलप्लावन से निपटने का प्लान पेश, जवाब के लिए निगम को मोहलत
यह है मामला
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय छात्रपरिषद, जबलपुर के संयोजक अधिवक्ता धीरज सिंह ठाकुर की ओर से अधिवक्ता विजय कुमार मौर्य ने तर्क दिया कि जबलपुर में जलप्लावन की समस्या बरसों पुरानी है। हर वर्ष बारिश से पहले नगर निगम, जबलपुर तमाम तरह के दावे करता है, जिनकी पोल बारिश के साथ ही खुल जाती है। नगर निगम की लापरवाही के कारण बारिश के दौरान जलभराव का खामियाजा जबलपुर के निवासियों को भुगतना पड़ता है। हर साल जल भरने की स्थिति बनती है।

ओमती नाला हो चौड़ा
कहा गया कि वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण लोगों के लिए खतरा बना हुआ है। अभी बारिश भी हो रही है। यदि जलप्लावन होता है, तो तरह-तरह की संक्रामक बीमारियां भी सिर उठाने लगेंगी। इस स्थिति से बचाव के लिये जबलपुर के ओमती नाले का चौड़ी व गहरीकरण समय रहते अत्यंत आवश्यक है। मदनमहल अंडरब्रिज व स्नेह नगर के पुल के बीच के नाले पर काम किया जाना चाहिए। ओमती नाले के दोनों तरफ सर्विस लाइन का काम भी पूरा होना चाहिए।
ड्रोन की फोटो से कमियां उजागर
अधिवक्ता मौर्य ने कोर्ट को बताया कि शहर के नाले नालियों की ड्रोन कैमरे से तस्वीरें खिंचवाई गई । साथ ही वीडियोग्राफी भी करवाई गई। जिसके आधार पर जबलपुर की छोटी-बड़ी नालियों की सफाई में कमी उजागर की गईं। साथ ही वैज्ञानिक तरीके से सफाई की योजना रखी गई। इससे जलप्लावन का संकट दूर होगा। नगर निगम के वकील सिद्धार्थ शर्मा ने उक्त योजना पर निगम का पक्ष प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा गया।
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