
जबलपुर। मेडिसिटी हॉस्पिटल में सोमवार देर रात मरीज की मौत पर हंगामा हुआ। परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। परिजनों का आरोप था कि मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी उसे वहां के स्टाफ ने ऑक्सीजन सही तरीके से नहीं लगाई। हालत गश्वभीर होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर भी देखने नहीं आए। मंगलवार सुबह भी परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हंगामे के बीच पुलिस ने परिजनों व अस्पताल प्रबंधन से चर्चा की। द्वसके बाद मामला शांत हुआ। परिजनों का आरोप था कि लापरवाही की शिकायत की गई तो अस्पताल के स्टाफ ने उनसे अभद्रता की।
विशाल बैंड के संचालक मनीष मावजी (45) को बुखार की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती किया गया था। मनीष मावजी के छोटे भाई ऋषि मावजी ने आरोप लगाया कि जांच के बाद मरीज को निमोनिया होने की शिकायत बताई थी। इस बीच उसके स्वास्थ्य के सम्बंध में परिजन डॉक्टर्स से सम्पर्क कर रहे थे। सोमवार की शाम को डिस्चार्ज की प्रक्रिया शुरू हो गई। इस बीच अस्पताल के डॉ. मुकेश श्रीवास्तव ने मरीज की हालत खराब होने की जानकारी देते हुए उन्हें आइसीयू में शिफ्ट करने की बात कही। परिजन ने देखा तो उस दौरान मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। वे लगातार ऑक्सीजन के लिए अस्पताल स्टाफ से कह रहे थे।
परिजन का आरोप है कि ऑक्सीज लगाने में लापरवाही की गई। वे मरीज का इलाज कर रहे विशेषज्ञ डॉक्टर्स को बुलाने की भी मांग कर रहे थे, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर्स को भी नहीं बुलाया। इस बीच मरीज की मौत हो गई। परिजनं का आरोप है कि मरीज के इलाज के सम्बन्ध में अस्पताल प्रबंधन किसी भी तरीके की जानकारी नहीं दी जा रही थी। डिस्चार्ज करने के आधा घंटे पहले ही गम्भीर होने की जानकारी दी। आरोप है कि अस्पताल स्टाफ ने परिजनों की ओर से शिकायत करने पर उनका मोबाइल व इलाज से सम्बंधित दस्तावेज भी छीन लिए।
इस सम्बंध में लाइफ मेडिसिटी हॉस्पिटल संचालक डॉ. विवेक दीवान का कहना है कि परिजनके इलाज में लापरवाही सम्बंधी आरोप गलत है। उन्हें ऑक्सीजन व्यवस्थित तरीके से दिया गया था। मरीज को डॉ. दीपक बरकडे देख रहे थे और स्टाफ निगरानी रख रहा था। परिजन को हालत गंभीर होने की जानकारी भर्ती करते समय ही दी गई थी। उन्हें किसी दूसरे हायर सेंटर ले जाने भी कहा था।
होम आइसोलेशन के नियम तोडऩे पर कराएं एफआइआर
ग्रामीण क्षेत्र के दौरे पर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन का निरीक्षण किया। फ ीवर क्लीनिक सेंटर में मरीजों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेट लोग नियमों का पालन करें। यदि घूमते पाए जाते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाएं। समझाने पर नहीं मानते और नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो उनके एफ आइआर भी दर्ज करवा सकते हैं। उन्होंने बोरिया में 100 बिस्तरों का कोविड केयर तैयार करने के निर्देश दिए। इससे पहले उन्होंने पाटन तहसील कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आरसीएमएस में दर्ज प्रकरणों की समीक्षा की और नामांतरण और बंटवारा के प्रकरणों को शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए।
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