
जबलपुर। कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच जबलपुर शहर में पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर जैसे उपकरण की मांग बढ़ गई है। दवा बाजार में पहले साल में 10 पीस बिकने वाले पल्स ऑक्सीमीटर अब महीने में तीन हजार से ज्यादा बिक रहे हैं। थर्मामीटर पहले महीने में करीब दो सौ पीस बिकते थे, उसकी हजार चार हजार से ज्यादा नग की बिक्री हो रही है। इन उपकरणों की बिक्री में आए उछाल को कोरोना संदिग्ध और संक्रमित की संख्या में वृद्धि से जोड़ा जा रहा है। कोरोना संदिग्ध होम क्वारंटीन लोगों की संख्या बढऩे और घर पर रहकर स्वास्थ्य लाभ लेने वाले कोरोना संक्रमित लगातार बढऩे से दोनों उपकरण खरीदने वाले बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही बुखार की दवा के साथ विटामिन सी एवं डी की दवाइयों की बिक्री भी अस्सी फीसदी तक ज्यादा हो गई है।
पल्स ऑक्सीमीटर की बिक्री बढऩे पर कुछ कारोबारी कमाई के फेर में घटिया उपकरण बेच रहे है। बाजार में ये पांच सौ से पांच हजार रुपए में मिल रहे हैं। बताया जा रहा है कि दवा दुकानों के अलावा भी कुछ लोग अलग-अलग प्लेटफॉर्म के जरिए उपकरणों को सस्ती दर पर उपलब्ध करा रहे हैं। कम कीमत होने पर कई लोग इन उपकरणों को खरीद रहे हैं। इससे गलत रीडिंग के चलते सेहत की सहीं जांच नहीं हो रही है। गलत रीडिंग के कारण कई संदिग्धों की सेहत की सही जानकारी का पता नहीं चल रहा है। उपकरणों का सही तरीके से उपयोग ना कर पाना भी परेशानी बढ़ा रहा है। कोरोना से युद्ध के बीच वायरल फीवर के मरीज भी लगातार बढ़ रहे है। कोरोना संक्रमित और वायरल फीवर के पीडि़तों में कई लक्षण लगभग एक जैसे है। इसके कारण बुखार की दवा की मांग कई गुना तक बढ़ गई है। कोरोना संक्रमित बढऩे से उनके सम्पर्क में आने वाले संदिग्ध की संख्या भी कई गुना बढ़ रही है।
ऐसे करें उपकरण की जांच और बरतें एहतियात
- पोर्टेबल पल्स ऑक्सीमीटर घर में उपयोग करते है तो दो सामान्य व्यक्तियों की तर्जनी में इसे लगाकर रीडिंग नोट करें। उपकरण के सही होने पर सामान्य व्यस्क में 97 से 100 के बीच रीडिंग होगी। डिवाइस को सही तरीके से अंगुली में लगाना भी आवश्यक है।
- कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर एक होम आइसोलेशन या संक्रमित के सम्पर्क में आए क्वारंटीन संदिग्ध व्यक्ति एक मरकरी थर्मामीटर से अपने शारीरिक तापमान एवं पल्स ऑक्सीमीटर से अपने हृदय की धड़कन एवं खून में ऑक्सीजन की मात्रा हर 6 से 8 घंटे में नापते रहे।
- दोनों उपकरणों की रीडिंग को एक कागज में नोट करते रहे रेकॉर्ड बनाएं। ऐसा करने से अगले दो-तीन दिन में जब तक रिपोर्ट आती है तब तक हमें अपने स्वास्थ्य में आने वाले परिवर्तन को पकडऩे में बहुत आसानी हो जाती है।
- कोरोना टेस्ट के लिए सेम्पल दिए होने और उसका का रिजल्ट आने पर स्वास्थ्य तंत्र द्वारा होम आइसोलेशन में व्यक्ति को रहने देना है या फिर आपको अस्पताल में भर्ती कराना है, यह सुनिश्चित करना आसान हो जाता है। संबंधित व्यक्ति को अपने उपाय को चुनना ज्यादा सहज रहेगा।
- टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी निगेटिव आने पर अगले 7 दिन तक उसी कमरे में रहे। सारे सुरक्षा के उपाय अपनाएं। अपना ब्लड प्रेशर, शुगर, पल्स ऑक्सीमीटर से हृदय की धड़कन, ऑक्सीजन की मात्रा एवं हृदय गति को नाप कर अपना रिकॉर्ड बनातें रहे।
- ऐसा करने से बहुत से लोग जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है किंतु उनमें बीमारी किसी कारण से रह जाती है तो उसका उचित निवारण करने में समय से मदद मिल जाती है। एवं जीवन की, परिवार की रक्षा करने में सफलता मिलती है।
- रिपोर्ट के पॉजिटिव आने पर, जब फोन आए तो आप उनको पिछले दो-तीन दिन से समय-समय पर रेकॉर्ड किए गए अपने हृदय गति, ऑक्सीजन की मात्रा एवं तापमान सहित स्वास्थ्य के बारे में बता सकते हैं। स्वास्थ्य का रिकॉर्ड अच्छा होगा तो होम आइसोलेशन के लिए स्वीकृति देंगे।
(जैसा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के भेषज गुण विभाग के प्रमुख डॉ. सचिन कुचया ने बताया।)
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