
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि फाइनल ईयर की परीक्षा रद्द करने का दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार का फैसला देश में उच्च शिक्षा मानकों को सीधे प्रभावित करेगा। दरअसल, यूजीसी के सितंबर के अंत तक फाइनल ईयर की परीक्षा कराने के फैसले के खिलाफ जारी याचिका पर कोर्ट में जवाब दिया।
शुक्रवार को आएगा फैसला
यूजीसी के फैसले को चुनौती देने वाली स्टूडेंट्स की याचिका पर शीर्ष अदालत 14 अगस्त,शुक्रवार को सुनवाई करेगी। दायर याचिका में स्टूडेंट्स ने फाइनल ईयर की परीक्षा रद्द करने की मांग की है। इसके साथ ही स्टूडेंट्स ने आंतरिक मूल्यांकन या पिछले प्रदर्शन के आधार पर पदोन्नत करने की भी मांग की है। इससे पहले पिछली सुनवाई में, यूजीसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत से कहा था कि राज्य नियमों को बदल नहीं सकते हैं और परीक्षा ना कराना छात्रों के हित में नहीं है।
पंजाब के सीएम ने किया पुनर्विचार का आग्रह
वहीं, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि छात्रों को तैयारी जारी रखनी चाहिए और यह नहीं सोचना चाहिए कि परीक्षा फिर से स्थगित कर दी जाएगी। इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने देश में कोरोनावायरस की स्थिति को देखते हुए केंद्र से सितंबर में परीक्षा आयोजित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
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