
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने सामान्य डिग्री प्रोग्राम के स्टूडेंट्स के लिए पहली अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। यूजीसी की तरफ से जारी दिशा-निर्देश के बाद अब सामान्य डिग्री प्रोग्राम (बीए, बीकॉम, बीएससी) के फाइनल ईयर के छात्रों को आखिरी सेमेस्टर में रोजगार की अनिवार्य ट्रेनिंग मिलेगी।
20 क्रेडिट की होगी ट्रेनिंग
शुरुआती तौर में फिलहाल यह ट्रेनिंग 20 क्रेडिट की होगी। हालांकि, यूनिवर्सिटी चाहें तो इन क्रेडिट की संख्या को बढ़ा सकेंगे। साथ ही अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप ट्रेनिंग में छात्र बहुविषयक विषयों को भी चुन सकेंगे। मौजूदा समय में बीए, बीकॉम, बीएससी जैसी सामान्य डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स के पास ग्रेजुएशन करने के बाद रोजगार कौशल नहीं होता है। एक अनुमान के मुताबिक, 2030 तक दुनियाभर में सबसे ज्यादा युवा भारत में होंगे। ऐसे में देश में रोजगार की सबसे ज्यादा जरूरत होगी।
इंटर्नशिप बेस्ड होगा लास्ट सेमेस्टर
इसी बात को ध्यान में रखते हुए अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप के दिशा-निर्देश तैयार किए गए, ताकि बीए, बीएससी, बीकॉम प्रोग्राम के स्टूडेंट्स कॉलेज से बहुविषयक डिग्री लेकर निकल सकें। स्नातक डिग्री प्रोग्राम के आखिरी साल का लास्ट सेमेस्टर अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप पर आधारित होगा। इस दौरान उन्हें किसी भी विषय पर अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप करनी होगी। अप्रेंटिसशिप में उन्हें बाकायदा इंडस्ट्री की तरफ से वेतन मिलेगा,जबकि इंटर्नशिप में स्टाइपेंड होगा।
24 क्रेडिट वाले विषय में मास्टर डिग्री का मौका
च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत ग्रेजुएशन में अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप के साथ जिस विषय में छात्र ने 24 क्रेडिट लिए होंगे, उसी में उसे पीजी प्रोग्राम (एमए, एमएसी,तकनीकी, व्यावसायिक आदि) की पढ़ाई का मौका भी मिलेगा।
इंटर्नशिप पूरी करना जरूरी
अब स्टूडेंट्स के लिए अप्रेंटिसशिप या इंटर्नशिप प्रोग्राम उत्तीर्ण करना जरूरी होगा। असफल होने या अपूर्ण अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप प्रशिक्षण के लिए परीक्षा में दोबारा बैठना अनिवार्य होगा। अप्रेंटिसशिप / इंटर्नशिप में मिले मार्क्स को स्टूडेंट्स की सेमेस्टर और अंतिम ग्रेड शीट में दर्शाया जाएगा।
फिक्की, सीआईआई, वाणिज्यिक और गैर-वाणिज्यिक संगठन करेंगे मदद
टीचिंग इंस्टीट्यूट में अप्रेंटिसशिप या इंटर्नशिप के लिए फिक्की, सीआईआई, वाणिज्यिक और गैर-वाणिज्यिक आदि संगठन मदद करेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालयों और इन संगठनों के बीच समझौता होगा। इस समझौते के तहत अप्रेंटिसशिप या इंटर्नशिप की सभी जानकारियां सार्वजनिक करनी होगी। साथ ही उद्योग संगठनों को स्टूडेंट्स को आखिर में सर्टिफिकेट भी देना होगा।
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