
NEET PG 2020: सुप्रीमकोर्ट ने राज्य सरकारों को NEET PG कोर्सेज में आरक्षण को लेकर अहम निर्णय दिया है। इसमें राज्य सरकारों को 'इन-सर्विस डाक्टरों' को रिजर्वेशन का लाभ देने की अनुमति प्रदान कर दी है। हालांकि अनुमति प्रदान करते हुए पीठ ने यह भी कहा कि नीट पीजी कोर्सेज में दाखिले हेतु आरक्षण के लिए डॉक्टर का ग्रामीण इलाकों में 05 साल तक काम करने का अनुभव अनिवार्य है।
इस मामले में तमिलनाडु मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन और अन्य की तरफ से दाखिल की गयी याचिका पर आज सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस विनीत सरन, जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस एमआर शाह और अनिरुद्ध बोस सहित पांच जजों की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि दूरदराज क्षेत्रों में काम करने वाले सरकारी डाक्टरों को पीजी कोर्सेज में दाखिले के लिए रिजर्वेशन देने की पॉवर स्टेट गवर्नमेंट को है।
पीठ ने यह भी कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया (MCI) के पास पीजी कोर्सेज में दाखिले के लिए इन-सर्विस डाक्टरों को रिजर्वेशन देने या नहीं देने की कोई पॉवर नहीं है। पीठ ने एमसीआई के बारे में कहा कि यह एक संवैधानिक संस्था है और इसे रिजर्वेशन सम्बन्धी प्रावधान बनाने का कोई अधिकार नहीं है।
केंद्र सरकार और एमसीआई ने किया था विरोध
इस याचिका का विरोध यह कहकर केंद्र सरकार और एमसीआई ने किया था कि इस तरह से रिजर्वेशन देकर इन-सर्विस डाक्टरों के दाखिले से मेडिकल एजुकेशन के स्तर पर प्रभाव पड़ेगा और इससे एमसीआई की अथॉरिटी भी प्रभावित होगी।
नीट पीजी कोर्सेज में दाखिले की वर्तमान व्यवस्था
इस समय पीजी की डिप्लोमा कोर्सेज हेतु होने वाले दाखिले के लिए 50 फीसद सीटें सरकारी डाक्टरों के लिए रिज़र्व की गई हैं लेकिन वहीँ एमसीआई नियमों के मुताबिक पीजी के डिग्री कोर्सेज में दाखिले हेतु सरकारी डाक्टरों के लिए रिजर्वेशन की कोई व्यवस्था नहीं है। पीजी के डिग्री कोर्सेज के लिए होने वाले दाखिले में 50 फीसद सीटें आल इंडिया कोटे से और 50 फीसद सीटें स्टेट कोटे से भरी जाती हैं।
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