
जबलपुर. 841 और 1100 सेकेंड की दो कॉल से आठ महीने पहले हुई युवक की हत्या की गुत्थी सुलझ गई। हत्या युवक की पत्नी ने ही अपने प्रेमी के साथ मिलकर की थी। हत्या के बाद शव कार नदी किनारे झाडिय़ों में छिपा दी थी। चार महीने बाद उसका नरकंकाल मिला। कपड़ों के आधार पर उसकी शिनाख्त हुई थी। तब से मझौली पुलिस इस हत्याकांड का राज सुलझाने में लगी थी।
एएसपी शिवेश सिंह बधेल ने बताया कि 17 दिसम्बर 2019 को मंधरा निवासी अर्चना प्रधान ने गुमशुदगी दर्ज कराई कि 13 दिसम्बर की रात 12.30 बजे उसका पति अनिल उर्फ रामकरण घर से निकला था। तब से गायब है। पुलिस ने गुम इंसान कायम किया था। चार महीने बाद 26 अप्रैल 2020 को डोंगरिया सिहोरा निवासी सूरज प्रसाद प्रधान ने सूचना दी कि कार नदी के किनारे झाडिय़ों में नरकंकाल मिला है, जो उसके गायब बेटे अनिल का है। कपड़ों व चप्पलों के आधार पर अर्चना ने भी उसकी पहचान की। एसडीओपी सिहोरा भावना मरावी, टीआई प्रभात शुक्ला व महिला थाना प्रभारी शबाना परवेज को जांच सौंपी।

कॉल डिटेल से मिली जानकारी-
पुलिस ने अनिल के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवायी, तो 841 और 1100 सेकेंड की दो कॉल चचेरी बहन से की गई थी। पुलिस ने पूछताछ की, तो पता चला कि अनिल की पत्नी अर्चना और चचेरे भाई कपिल प्रधान के बीच सम्बंध थे। इसी को लेकर उसने चचेरी बहन से कपिल को समझाने के लिए कॉल किया था। इसके बाद दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, तो हत्या की परत खुली।
ये किया खुलासा
अनिल अपनी पत्नी अर्चना के साथ मंधरा मझौली में रहकर मिस्त्री का काम करता था। उनके बीच अक्सर विवाद होता था। 13 दिसम्बर को साजिश के तहत अर्चना के कहने पर कपिल रात में अनिल को बुलाकर कार नदी के किनारे ले गया। वहां पीछे से अर्चना भी पहुंच गई। उसने लोहे के रॉड से अनिल के सिर पर वार कर दिया। कुछ देर बाद ही अनिल की मौत हो गई, तो शव झाडिय़ों में छिपाकर घर लौट आई। फिर अनिल के गायब होने का शोर मचाया था। बाद में ससुर सूरज प्रधान बहू अर्चना को लेकर सिहोरा चला गया। तब से कपिल प्रधान का बर्ताव पागलों जैसा हो गया था।

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